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Shiv Sena Symbol: 'तीर-कमान' की लड़ाई में चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव गुट बरसा, शिंदे खेमे पर भी तीखा हमला

Shiv Sena Symbol: शिवसेना में हुई बगावत के बाद से ही दोनों गुटों के बीच पार्टी पर प्रभुत्व कायम करने के लिए बड़ी सियासी जंग चल रही है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 9 Oct 2022 9:34 AM IST
Uddhav Thackeray Eknath Shinde
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उद्धव ठाकरे- एकनाथ शिंदे (फोटो: सोशल मीडिया )

Shiv Sena Symbol: चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुटों के बीच शिवसेना पर प्रभुत्व को लेकर चल रही जंग में बड़ा फैसला सुनाया है। आयोग ने पार्टी के चुनाव चिह्न तीर कमान को अस्थायी तौर पर फ्रीज कर दिया है। आयोग की ओर से सुनाए गए फैसले के मुताबिक अब ठाकरे और शिंदे दोनों गुट शिवसेना के नाम व चुनाव चिह्न का उपयोग नहीं कर सकेंगे। शिवसेना में हुई बगावत के बाद से ही दोनों गुटों के बीच पार्टी पर प्रभुत्व कायम करने के लिए बड़ी सियासी जंग चल रही है। 3 नवंबर को अंधेरी सीट पर होने वाले उपचुनाव को दोनों गुटों के लिए बड़ी सियासी परीक्षा माना जा रहा है मगर अब दोनों को नए चुनाव निशान पर चुनाव मैदान में उतरना होगा।

आयोग के इस फैसले के बाद ठाकरे गुट ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने आयोग के इस फैसले के बाद शिंदे गुट पर भी तीखा हमला किया है। उद्धव गुट ने आयोग के इस फैसले को अन्याय बताया है। दूसरी ओर शिंदे गुट की ओर से आई पहली प्रतिक्रिया में आयोग के इस फैसले का स्वागत किया गया है। सियासी जानकारों का मानना है कि अब अंधेरी के उपचुनाव में दिलचस्प सियासी जंग होगी क्योंकि दोनों गुटों को नए सिंबल पर सियासी रण में उतरना होगा।

आदित्य का शिंदे गुट पर तीखा हमला

चुनाव आयोग की ओर से जारी महत्वपूर्ण आदेश के बाद शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने शिंदे गुट पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि धोखेबाज गद्दारों ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न फ्रीज कराने की शर्मनाक हरकत की है। उन्होंने लड़ने और जीतने का इरादा जाहिर करते हुए कहा कि हम सच के साथ हैं। आदित्य ठाकरे ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता अग्निपथ के जरिए भी अपनी बात कहने की कोशिश की है।

महाराष्ट्र विधानपरिषद में विपक्ष के नेता और उद्धव के करीबी माने जाने वाले अंबादास दानवे ने कहा कि चुनाव आयोग को अंधेरी उपचुनाव के संबंध में अंतरिम आदेश पारित करने की जगह समेकित फैसला करते हुए इस विवाद का निपटारा करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का यह फैसला असली शिवसेना के साथ अन्याय है।

शिंदे गुट ने किया फैसले का स्वागत

दूसरी ओर शिंदे गुट के नेता और सांसद प्रतापराव जाधव ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने उद्धव ठाकरे की ओर से कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाने की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने बाल ठाकरे की विचारधारा को पूरी तरह छोड़ने का काम किया था। उनके इस कदम के खिलाफ ही शिवसेना में बगावत हुई। उन्होंने कहा कि आयोग ने सभी तथ्यों को देखने के बाद उचित फैसला लिया है।

नए सिंबल पर लड़ना होगा उपचुनाव

आयोग की ओर से दिए गए आदेश में उद्धव और शिंदे गुट को 10 अक्टूबर तक अपनी-अपनी पार्टी के लिए तीन-तीन नाम और चुनाव निशान सुलझाने को कहा गया है। आयोग के इस फैसले के बाद अंधेरी में होने वाले उपचुनाव में दोनों गुट नए चुनाव निशान के सियासी रण में कूदेंगे। शिंदे गुट के पास तो अभी तक अपना कोई चुनाव निशान नहीं था मगर उद्धव गुट के लिए नए सिंबल के साथ चुनाव मैदान में उतरना काफी मुश्किल माना जा रहा है।

अब आयोग दोनों गुटों की ओर से सुझाए गए नामों और सिंबल में से किसी एक का उपयोग करने की अनुमति देगा। शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से इस संबंध में जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया था जिसके बाद आयोग की ओर से यह अंतरिम आदेश जारी किया गया है। सियासी जानकारों का मानना है कि आयोग के इस फैसले का महाराष्ट्र की सियासत पर बड़ा असर पड़ेगा।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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