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Ima Kaithal Market: बहुत खास है इम्फाल का इमा कैथल बाजार

Ima Kaithal market: मणिपुर की राजधानी इम्फाल का इमा कैथल बाजार का ऐतिहासिक महत्व है। इसके खास होने की कई वजहें हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने इसे नारी शक्ति का प्रतीक कहा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 28 Nov 2022 6:00 PM IST
Imphal Ima Kaithal market
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इम्फाल का इमा कैथल बाजार। (Social Media)

Ima Kaithal Market: मणिपुर की राजधानी इम्फाल का इमा कैथल बाजार का ऐतिहासिक महत्व है। इसके खास होने की कई वजहें हैं। दरअसल ये बाजार 16 वीं शताब्दी का है। वविदेश मंत्री जयशंकर ने इसे नारी शक्ति का प्रतीक कहा है।

उस दौर में मणिपुर में लुल्लुप-काबा नामक जबरन बंधुआ मजदूर प्रथा का चलन था। इसमें मेइती पुरुषों को सेना और अन्य नागरिक परियोजनाओं में काम करना पड़ता था और उन्हें उनके घर से दूर भेज दिया जाता था। पुरुषों के घर से दूर रहने की वजह से घर की सभी जिम्मेदारियां मेइती औरतों के कंधों पर आ जाती थीं। लेकिन इन महिलाओं ने हार नहीं मानी। उन्होंने न तो अपने मर्दों को कमजोर पड़ने दिया और न खुद हिम्मत हारी।

महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने के बाद इमा कैथल अस्तित्व में आया

महिलाओं ने आत्मनिर्भर बनने के लिए खुद बिजनेस करने की ठानी और यहीं से इमा कैथल अस्तित्व में आया। इस बाजार से महिलाओं ने खुद को आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने एक शानदार बाजार प्रणाली बना डाली, जो आज एशिया के सबसे बड़े महिलाओं के बाजार का रूप ले चुकी है। इस बजार को पूरी तरह महिलाएं मैनेज करती हैं।

मणिपुरी में इमा कैथल का मतलब

मणिपुरी में इमा का मतलब होता है मां और कैथल का मतलब होता है बाजार सो इसका पूरा मतलब मां का बाजार है। इस बाजार में महिलाएं अक्सर अपने पारंपरिक परिधानों में ही होती है। ये पारंपरिक फेनेक ( लुंगी जैसा वस्त्र) और इनेफिस ( शॉल) पहने हुए होती हैं।

बाजार में केवल शादीशुदा महिलाओं को ही दुकान चलाने की मंजूरी

इस बाजार में केवल शादीशुदा महिलाओं को ही दुकान चलाने की मंजूरी है। यहां एक संगठन महिलाओं को जरूरत के वक्त लोन भी देता है। इस बाजार में 3,000 "ईमा" या स्टॉल चलाने वाली मांएं हैं। ये बाजार सड़क के दोनों तरफ दो भागों में बंटा है। एक हिस्से में सब्जियां, फल, मछली और घरेलू किराने का सामान बिकता है जबकि दूसरे हिस्से में हथकरघा और घरेलू उपकरण बेचे जाते हैं। यहां पुरुष विक्रेताओं और दुकानदारों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। 2018 में राज्य सरकार ने घोषणा की कि यदि कोई पुरुष विक्रेता बाजार में सामान बेचते पाया गया तो मणिपुर नगर पालिका अधिनियम, 2004 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



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Deepak Kumar

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