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Manipur Election 2022: कुकी विद्रोहियों ने भाजपा को दिया समर्थन, लोगों से की थी ये अपील
Manipur: सबसे पहले कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) ने भाजपा के लिए अपना समर्थन दिया। केएनओ 17 कुकी विद्रोही समूहों का एक छत्र समूह है।
Manipur: मणिपुर में कुकी संगठन भाजपा के समर्थन में आगे आ गए हैं जिससे पार्टी की चुनावी संभावनाएं और भी मजबूत हो गयी हैं। सबसे पहले कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (Kuki National Organisation) (केएनओ) ने भाजपा के लिए अपना समर्थन दिया। केएनओ 17 कुकी विद्रोही समूहों का एक छत्र समूह है।
इसने मणिपुर में अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में सभी भाजपा उम्मीदवारों को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। केएनओ की घोषणा के एक दिन बाद यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) ने भी यही ऐलान किया है। यूपीएफ आठ कुकी गुटों का प्रतिनिधित्व करता है।
इस संगठन के संयोजक सांगा हमर (Sanga) ने एक विज्ञप्ति जारी की है जिसमें कहा गया है कि सभी प्रमुखों, ग्राम अधिकारियों, समुदाय के नेताओं और बड़े पैमाने पर लोगों से अपील की जाती है कि वे भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन करें।
कुकी विद्रोह को समाप्त करने का आश्वासन
यूपीऍफ़ और केएनओ दोनों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कुकी विद्रोह (Kuki Movement) को समाप्त करने के लिए दिए गए आश्वासन को इस कदम का कारण बताया। हाल ही में कुकी के गढ़ चुरचांदपुर में एक रैली में, अमित शाह ने आश्वासन दिया था कि अगर भाजपा दूसरी बार सत्ता में आई तो कुकी विद्रोह की समस्या समाप्त हो जाएगी।
इसके बाद प्रतिबंधित संगठन कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन की भूमिका बीजेपी के पक्ष में आ गयी। केएनओ ने साथ में यह भी कहा है कि जो उनके इस आदेश का पालन नहीं करेगा तो यह माना जाएगा कि वह जनजातीय लोगों के खिलाफ है।
मणिपुर से अलग पृथक राज्य की मांग के समर्थन में केएनओ पिछले लगभग 33 वर्षों से संघर्ष कर रहा है। जब उनकी मांग नहीं मानी गयी तो संस्था ने बन्दूक उठा लिया और अपनी सेना का गठन किया जो बन्दूक के दम पर अलग राज्य लेने की चेष्टा करते रहे हैं। संस्था का मुख्यालय पड़ोसी देश म्यांमार में है।
केएनओ के मुताबिक केंद्र सरकार ने उनसे वादा किया है कि मणिपुर में इस बार भाजपा की सरकार बनने के पांच वर्षों के अन्दर ही उनकी मांग पर बातचीत के जरिए समुचित समाधान किया जाएगा।
कुकी जनजाति के लोग मणिपुर के आलावा असम, त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम और मेघालय में भी रहते हैं। सम्भावना यही व्यक्त की जा रही है कि मणिपुर के भाजपा के स्थानीय नेता इस संगठन के संपर्क में थे और उन्हें बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व का समर्थन भी प्राप्त था।
इतना तो तय है कि केएनओ के इस फरमान के बाद अब भाजपा की जीत की सम्भावना काफी बढ़ गई है। वैसे भी अलग अलग चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कहा गया था कि या तो बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल कर लेगी या फिर मणिपुर में एक बार फिर से त्रिशंकु विधानसभा का चुनाव होगा, पर इस बात पर किसी को शक नहीं था कि इस बार बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरेगी।