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Manipur Election 2022: मणिपुर में भी कांग्रेसियों ने खाई वफादारी की शपथ
मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों ने आज राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों का दौरा किया। उम्मीदवारों ने पार्टी के प्रति निष्ठा की शपथ लेने के लिए सबसे पहले राजधानी इम्फाल में कांगला किले का दौरा किया
Manipur Election 2022: गोवा के बाद अब मणिपुर में भी कांग्रेसी प्रत्याशियों ने ईश्वर के सामने शपथ ली है कि वे चुनावों के बाद दलबदल नहीं करेंगे।
मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों ने आज राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों का दौरा किया। उम्मीदवारों ने पार्टी के प्रति निष्ठा की शपथ लेने के लिए सबसे पहले राजधानी इम्फाल में कांगला किले का दौरा किया, फिर वे सब एक चर्च, मंदिर और मस्जिद में गए। निष्ठा की शपथ कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओकराम इबोबी सिंह के साथ पार्टी की राज्य इकाई के प्रभारी भक्त चरण दास ने की। जनवरी के आखिरी हफ्ते में गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों ने इसी तरह शपथ ली थी।
पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने कांगला किले में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने में विश्वास करती है और यही वजह है कि पार्टी ने राज्य में विभिन्न समुदायों के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों में शपथ लेने का फैसला किया। उम्मीदवारों ने शपथ ली है कि वे कांग्रेस पार्टी से चुने जाने के बाद अन्य राजनीतिक दलों में शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे पार्टी के नियमों और विनियमों का पालन करेंगे। पार्टी का यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि 2017 के चुनावों के बाद कांग्रेस के कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।
भक्त चरण दास ने कहा कि मणिपुर के लोगों के जनादेश का हर राजनीतिक दल को सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2017 के चुनावों में उनके कुछ विधायकों ने लोगों के जनादेश का अपमान किया है लेकिन और जब से भाजपा सत्ता में आई है, उसने कांग्रेस को विभाजित करने के लिए सभी दुर्भावनापूर्ण तरीकों को अपनाया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के जनादेश से नहीं बल्कि कृत्रिम तरीकों से सत्ता में आई है, इसलिए मणिपुर के लोगों के जनादेश का सम्मान करने के लिए इस प्रतिज्ञा की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जद (यू) राज्य में मौजूद नहीं है, हालांकि भाजपा इसका इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी को विभाजित करने के लिए कर रही है।
भले ही मणिपुर में कांग्रेसी निष्ठा की शपथ ले रहे हैं लेकिन भाजपा से टूट कर आने वालों को खुले हाथों से पार्टी में शामिल किया जा रहा है। यानी दलबदल के प्रति एक तरफा नजरिया पार्टी अपनाए हुए है।