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Meerut news: किसान नेता चमका रहे ‘नेतागिरी’, समस्याओं के भंवर में अन्नदाता
Meerut news: कहने को दोनो ही संगठन किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में उनकी अधिकांश मांगे भी एक जैसी ही है। लेकिन सड़कों पर दोनो अलग लड़ाई लड़ रहे हैं।
Meerut news: वेस्ट यूपी में किसान नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई जोरों पर है। खुद को अराजनैतिक बताने वाले किसान नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई का आलम यह है कि दोनो ही किसान राजनीति में खुद को ताकतवर साबित करने का कोई भी मौका नहीं चूक रहे हैं। इसके लिए उनसे जो कुछ भी बन पा रहा है कर रहे हैं। ताजा लड़ाई भारतीय किसान यूनियन से अलग होकर बने संगठन भारतीय किसान यूनियन(अराजनैतिक)के मुखिया ठाकुर राजेश सिंह चौहान और टिकैत बंधुओं के बीच चल रही है।
महापंचायत के दो दिन बाद अलग हुए दोनों गुट
कहने को दोनो ही संगठन किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में उनकी अधिकांश मांगे भी एक जैसी ही है। लेकिन सड़कों पर दोनो अलग लड़ाई लड़ रहे हैं। एक जैसे मुद्दों पर अलग-अलग महापंचायत पिछले दिनों राकेश टिकैत के नेतृत्व वाले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) की महापंचायत के ठीक दो दिन बाद इससे अलग हुए गुट बीकेयू-अपोलिटिकल ने मेरठ के कमिश्नरी पार्क में महापंचायत कर डाली, जहां दोनों ने ‘प्रतिकूल’ सरकार की नीतियों और एमएसपी कानून के ज्वलंत मुद्दों और गन्ने की कीमतों में संशोधन पर किसानों के असंतोष पर बात की, वहीं गुटों ने किसान संगठन के रूप में अपने वर्चस्व का दावा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
एक दूसरे पर लगा रहे आरोप
नए गुट ने यूपी के 12 जिलों के बीच प्रयागराज से भी समर्थकों को लाने का काम किया। विशेष रूप से, बीकेयू को पिछले साल मई में विभाजन का सामना करना पड़ा, जब वरिष्ठ नेताओं ने यह आरोप लगाते हुए विद्रोह किया कि संगठन किसान मुद्दों से गंभीरता से निपटने के बजाय राजनीतिक बयान देने में अधिक शामिल था।न्यूजट्रैक से बात करते हुए नए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर राजेश सिंह चौहान ने कहा, ‘इस साल जनवरी के अंत में प्रयागराज में हमारा राष्ट्रीय सत्र था और हमने 15 मार्च को मेरठ में किसान पंचायत की घोषणा की थी। लेकिन बीकेयू यह समझाने की बेहतर स्थिति में होगा कि क्या उन्हें 10 मार्च को अपनी पंचायत करनी थी? हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन इस तरह की अनावश्यकपूर्णता हम किसानों को हंसी का पात्र बनाती है।’बीकेयू के मीडिया प्रवक्ता अर्जुन बालियान ने आरोपों का खंडन किया और कहा ‘फरवरी के अंत में हमने एक पंचायत की और अपनी मेरठ पंचायत की घोषणा की। क्या बीकेयू के लिए पंचायत करना कोई नई बात है? हम इसे साल भर से देश के विभिन्न हिस्सों में कर रहे हैं। हम किसान के हैं, किसान के लिए हैं।’