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Meerut News: पार्टी प्रत्याशियों को खुद पर नहीं भरोसा, स्टार प्रचारकों की मांग बढ़ी
Meerut News: भारतीय जनता पार्टी में सबसे अधिक मांग मुख्यमंत्री योगी, केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी तो कांग्रेस में प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और नसीमुद्दीन सिद्दीकी सपा से अखिलेश यादव, रालोद मुखिया जयंत चौधरी, आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद आदि की हो रही है। गौरतलब है कि मेरठ में दूसरे चरण में 11 मई को मतदान होना है।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में भारतीय जनता पार्टी के साथ सपा, कांग्रेस और बसपा उम्मीदवारों को खुद से अधिक पार्टी स्टार प्रचारकों पर भरोसा है। इन सभी दलों के उम्मीदवार स्टार प्रचारकों की मांग कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी में सबसे अधिक मांग मुख्यमंत्री योगी, केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी तो कांग्रेस में प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और नसीमुद्दीन सिद्दीकी सपा से अखिलेश यादव, रालोद मुखिया जयंत चौधरी, आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद आदि की हो रही है। गौरतलब है कि मेरठ में दूसरे चरण में 11 मई को मतदान होना है।
बसपा में हालांकि मायावती प्रचार के लिए कहीं भी जाने से पहले ही इंकार कर चुकी है। फिर भी स्थानीय बसपा नेता उनसे उम्मीद लगाए बैठे हैं। बसपा नेताओं का कहना है कि मायावती अकेले ही सब पर भारी हैं। स्थानीय एआईएमआईएम नेता कहते हैं-पार्टी मुखिया औवेसी आ जाएं तो चुनाव का रुख ही बदल जाए। वही आम आदमी पार्टी अरविन्द केजरीवाल के अलावा संजय सिंह का दौरा चाहते हैं। क्षेत्रीय दल भी अपनी पार्टी के स्टार प्रचारकों को बुलाने की तैयारी में हैं। सभी दलों के स्थानीय नेताओं का कहना है कि चुनाव में अगर स्टार प्रचारक आ जाए तो चुनाव का रुख ही बदल जाए।
2017 के निकाय चुनाव में भाजपा को जिले में मात्र किला परीक्षितगढ़ और दौराला में ही अपनी सरकार बनाने का अवसर मिला था। चुनाव बाद खरखौदा नगर पंचायत के चेयरमैन भी भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस को केवल नगर पालिका मवाना में सफलता मिली थी। बसपा ने मेरठ नगर निगम और तीन नगर पंचायतों में जीत हासिल ती थी। तीन साल बाद बसपा की महापौर सुनीता वर्मा अपने पति पूर्व विधायक योगेश वर्मा के साथ सपा में चली गई थीं। जिले में सबसे अधिक एक नगर पालिका और छह नगर पंचायतों में सपा ने विजयी परचम लहराया था। रालोद ने भी करनावल में जीत हासिल करके अपना खाता खोला था। इसके अलावा दो नगर पंचायतों में निर्दलीयों ने भी दलों के प्रत्याशियों को धूल चटा दी थी। अब 2023 के निकाय चुनाव में सभी दलों के सामने नई चुनौतियों के साथ अपने 2017 के इतिहास को दोहराने के लिए कड़ा मुकाबला करना होगा।