TRENDING TAGS :
UP Nikay Chunav 2023: मेरठ नगर निकाय चुनाव में भाजपा से 21 मुस्लिम उम्मीदवार, अगले चुनावों में ये प्रयोग दोहराने पर संशय
UP Nikay Chunav 2023:सपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं भाजपा के मुस्लिम प्रत्याशी भाजपा के ये मुस्लिम प्रत्याशी सपा को नुकसान पहुंचाने का पूरा काम करेंगे।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में नगर निगम चुनाव में जिस तरह से बीजेपी ने 21 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है, उससे आगे की चुनावी राजनीति को लेकर बीजेपी के इरादे स्वाभाविक तौर पर साफ हो जाते हैं।
Also Read
सपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं भाजपा के मुस्लिम प्रत्याशी
भाजपा के ये मुस्लिम प्रत्याशी सपा को नुकसान पहुंचाने का पूरा काम करेंगे। यादव, मुस्लिम, दलित और जाट का जो समीकरण बनाकर सपा चल रही थी। उसमें मुसलमानों के वोट को काटने का काम ये प्रत्याशी कर रहे हैं। अल्पसंख्यक मोर्चा की टीम को पार्टी ने इन मुस्लिम वार्डों का जिम्मा दिया है। मोर्चा के कार्यकर्ता मुस्लिम वार्डों में जाकर चुनाव प्रचार करेंगे। केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार की योजनाओं को गिनाएंगे। बता दें कि 2017 में लाख कोशिशों के बाद भी मेरठ और अलीगढ़ में बीजेपी अपना मेयर उम्मीदवार नहीं जिता पाई थी, लेकिन इस बार बीजेपी के सामने चुनौती और बड़ी है, क्योंकि अखिलेश यादव और जयंत चौधरी एक साथ है। वहीं, बसपा मुस्लिम वोट बैंक के सहारे जीत हासिल करने में जुटी है। यही वजह है कि बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए पहली बार मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।
प्रयोग के तौर पर मुस्लिमों को दिए टिकट
दरअसल, जो प्रयोग बीजेपी विधानसभा चुनावों या आम चुनाव में नहीं कर पाती या कर पाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती, नगर निगम और स्थानीय निकायों के चुनाव ऐसे प्रयोगों के लिए बढ़िया मौका उपलब्ध कराते हैं। ऐसा भी नहीं कि चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों को बीजेपी पहली बार मैदान में उतार रही है। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के बाद मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट न देने को लेकर सवाल उठा था और फिर ठीक वैसे ही सवाल मुख्तार अब्बास नकवी का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी उठाये जा रहे थे। बहरहाल,सवाल है कि नगर निकाय चुनाव में अगर मुस्लिम उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे तो बीजेपी आने वाले चुनावों में भी ये प्रयोग दोहराएगी? आने वाले चुनावों से भी आशय नगर निगम या स्थानीय निकाय चुनाव नहीं, बल्कि विधानसभा और लोक सभा चुनाव हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसको लेकर अलग-अलग राय जाहिर कर रहे हैं।