इस चुनाव में यूपी-बिहार के 200 कद्दावर नेताओं को नहीं मिलेगा टिकट

लोकसभा चुनाव सिर पर सवार है। प्रमुख दलों में प्रत्याशियों की घोषणा चल रही है। लेकिन कुछ नेताओं के अरमानों पर पानी फिरने वाला है... क्योंकि जब ये लिस्ट निकलना समाप्त होंगी तब तक सैकड़ों नेताओं के टिकट कट चुके होंगे। क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार पार्टियों ने गठबंधन के साथियों के लिए अधिक सीटें छोड़ी हैं।

Rishi
Published on: 15 March 2019 10:55 AM GMT
इस चुनाव में यूपी-बिहार के 200 कद्दावर नेताओं को नहीं मिलेगा टिकट
X

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव सिर पर सवार है। प्रमुख दलों में प्रत्याशियों की घोषणा चल रही है। लेकिन कुछ नेताओं के अरमानों पर पानी फिरने वाला है... क्योंकि जब ये लिस्ट निकलना समाप्त होंगी तब तक सैकड़ों नेताओं के टिकट कट चुके होंगे। क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार पार्टियों ने गठबंधन के साथियों के लिए अधिक सीटें छोड़ी हैं। ऐसे में बागी नेताओं की एक बड़ी संख्या होगी जो निर्दलीय खड़े होंगे और अपनी ही पार्टी की जड़ों में मट्ठा डालेंगे।

ये भी देखें : लोकसभा चुनाव : जानिए ढेंकानाल लोकसभा सीट के बारे में, सिर्फ यहां…

यूपी की बात करें तो सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन के बाद इन दलों के करीब 100 नेता पैदल होने वाले हैं।

बिहार में बीजेपी और जदयू गठबंधन के बाद दोनों दलों के करीब 50 नेता पैदल होंगे।

पिछले चुनाव में बीजेपी, लोकजनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठबंधन था। कुशवाहा अब पाला बदल चुके हैं।

ये भी देखें : लोकसभा चुनाव : जानिए केंद्रापाड़ा लोकसभा सीट के बारे में, सिर्फ यहां…

महागठबंधन की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, आरएलएसपी और बाकी दलों के भी करीब 50 नेता टिकट की दौड़ में पिछड़ जाएंगे।

अब अगर देश के बाकी राज्यों की बात करें तो लगभग 1000 ऐसे नेता होंगे जिनका टिकट कटेगा। ऐसे में ये निर्दल चुनाव लड़ने का मन बना सकते हैं। इसलिए पार्टी कोशिश करेंगी कि इन्हें किसी तरह शांत रखा जाए और दूसरी पार्टी के नेता खड़े हो और वोट काटें। वो इसलिए क्योंकि यदि निर्दलीय प्रत्याशी को 10,000 वोट भी मिल जाते हैं तो वो अपनों का ही खेल ख़राब करेगा।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story