गठबंधन की डिमांड पर मायावती 24 अप्रैल को कानपुर में करेंगी रैली

2014 के लोकसभा चुनाव में डॉ मुरली मनोहर जोशी ने तीन बार सांसद व पूर्व केंद्रीय कोयलामंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को 2,22,946 वोटो से हराया था। डॉ मुरली मनोहर जोशी को 4,74,712 वोट मिले थे और पूर्व कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को 2,51,766 वोट हासिल हुए थे। बीजेपी ने हाई कमान ने डॉ जोशी का टिकट काटते हुए सत्यदेव पचौरी को कैंडीडेट बनाया है।

Shivakant Shukla
Published on: 2 April 2019 11:38 AM GMT
गठबंधन की डिमांड पर मायावती 24 अप्रैल को कानपुर में करेंगी रैली
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कानपुर: सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद कानपुर और अकबरपुर लोकसभा सीट का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया हैं दोनों ही लोकसभा सीटों पर गठबंधन कैंडिडेट कांग्रेस और बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहे है।

सपा-बसपा गठबंधन की नजर ओबीसी ,अनुसूचित जाति और मुस्लिम वोटरों पर है। दलित वोटरों को साधने के लिए सपा और बसपा के नेताओ ने बसपा सुप्रीमो मायावती से रैली करने की मांग की थी। गठबंधन के पक्ष में बहन जी एक रैली पूरा माहौल बदल सकती है। मायावती की रैली से दलित वोटर गठबंधन के साथ खड़ा हो जायेगा। सपा-बसपा गठबंधन कानपुर और अकबरपुर लोकसभा सीट का इतिहास बदलने में सक्षम है। गठबंधन की ताकत का अहसास कांग्रेस और बीजेपी के कैंडिडेट भी महसूस कर रहे है।

रमईपुर में 24 अप्रैल को विशाल रैली

बसपा सुप्रीमो मायावती कानपुर के रमईपुर में 24 अप्रैल को विशाल रैली करने वाली है। इस रैली में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बसपा और सपा के लगभग सभी नेता एक ही मंच पर नजर आएंगे। सपा-बसपा कार्यकर्ताओ ने इसकी तैयारिया भी शुरू कर दी है। इस रैली को सफल बनाने के लिए सपा और बसपा के कानपुर और कानपुर देहात के कार्यकर्ताओ को पूरी ताकत के साथ आने को कहा गया है।

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बसपा महानगर अध्यक्ष सुरेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि गठबंधन की तरफ से कानपुर में मायावती से एक रैली करने की मांग की गई थी। कानपुर और अकबरपुर लोकसभा के सपा और बसपा के पदाधिकारियों ने प्रस्ताव भेजा था। उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और 24 अप्रैल को रैली करने का समय दिया है। बहन जी की रैली रमईपुर में रखी गई है यह ऐसा क्षेत्र है जहां से अकबरपुर और कानपुर लोकसभा क्षेत्र को आसानी से कवर किया जा सकता है। सपा और बसपा के कार्यकर्ता मिलकर इस रैली को सफल बनाने की योजना तैयार कर रहे है।

इसके साथ ही सपा-बसपा कार्यकर्ताओ ने अखिलेश यादव से भी अकबरपुर और कानपुर लोकसभा सीटों पर जनसभा करने की अपील की है। दरसल अखिलेश यादव की जनसभाओ से ओबीसी वोटर और मुस्लिम वोटर प्रभावित होगें। इसके साथ ही दोनों लोकसभा सीटों पर मुस्लिम समाज का बड़ी संख्या वोट सपा को जाता है।

मुलायम सिंह यादव की भी एक विशाल रैली

वही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया से निपटने के लिए सपा-बसपा ने योजना बनाई है कि मुलायम सिंह यादव की भी एक विशाल रैली कराई जाए। जिससे ओबीसी और दलित वोटर प्रसपा की तरफ नही जाए। सपा-बसपा गठबंधन के लिए जब मुलायम सिंह रैली करेंगे तो यादव समेत ओबीसी और मुस्लिम वोटर प्रसपा की तरफ नही भटकेगा।

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सपा ने कानपुर लोकसभा सीट ओबीसी कार्ड खेला है। इसके बाद कानपुर लोकसभा सीट का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। कानपुर ब्राहमण बाहुल क्षेत्र है बीते 29 वर्षो से कानपुर में सामान्य जाति के नेता ही सांसद बन रहे है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों बड़े राजनैतिक दल जनरल कैटेगरी के प्रत्याशियों को मैदान में उतार है।

सपा ने भी राजीव मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कैंडिडेट श्रीप्रकाश जायसवाल वैश्य समाज से आते है। वही बीजेपी के सत्यदेव पचौरी ब्राहमण है। प्रसपा ने भी राजीव मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। वही सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद सपा ने इस चुनाव में रामकुमार निषाद को कैंडिडेट बनाकर ओबीसी कार्ड खेला है।

यदि कानपुर देहात के अकबरपुर लोकसभा सीट की बात की जाए तो यह सीट बसपा या फिर कांग्रेस के खाते में गई है। बहुजन समाज पार्टी अकबरपुर लोकसभा सीट पर सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभरी है। लेकिन 2009 के बाद बसपा अकबरपुर लोकसभा सीट जीत नही पाई है। 2014 के लोकसभा चुनाव मोदी लहर में देवेन्द्र सिंह भोले ने जीत हासिल की थी। बसपा के अनिल शुक्ल वरिशी दूसरे स्थान पर रहे थे।

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2019 के लोकसभा चुनाव में अकबरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस से राजाराम पाल,बीजेपी से देवेन्द्र सिंह भोले,बसपा से निशा सचान और प्रसपा से महेंद्र सिंह यादव मैदान में है। यदि आकड़ो की बात की जाए तो अकबरपुर लोकसभा सीट पर सपा बसपा गठबंधन सबसे मजबूत है। अकबरपुर लोकसभा कुर्मी बहुल क्षेत्र है इसके साथ ही ओबीसी,सामान्य और अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या सबसे अधिक है।

2014 कानपुर लोकसभा सीट की तस्वीर

2014 के लोकसभा चुनाव में डॉ मुरली मनोहर जोशी ने तीन बार सांसद व पूर्व केंद्रीय कोयलामंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को 2,22,946 वोटो से हराया था। डॉ मुरली मनोहर जोशी को 4,74,712 वोट मिले थे और पूर्व कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को 2,51,766 वोट हासिल हुए थे। बीजेपी ने हाई कमान ने डॉ जोशी का टिकट काटते हुए सत्यदेव पचौरी को कैंडीडेट बनाया है।

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2014 अकबरपुर लोकसभा सीट की तस्वीर

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले ने कांग्रेस सांसद राजाराम पाल को बड़े अंतराल से हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले को 4,81,584 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बीएसपी के अनिल शुक्ल वरिशी थे जिन्हें 2,02,587 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर सपा के लाल सिंह तोमर को 147002 वोट मिले थे। चौथे नंबर पर कांग्रेस के राजाराम पाल रहे थे जिन्हें 96,827 वोट मिले थे।

Shivakant Shukla

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