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हरदोई: जिले की डीएम शुभ्रा सक्सेना अपने मूल कर्तव्यों के इतर भी बहुत कुछ ऐसा करती हैं, जो उन्हें अपने कई समकक्षों से इतर खड़ा करता है।
शुभ्रा ने 'सम्मन प्रबंधन प्रणाली' सॉफ्टवेयर तैयार किया है। खास बात ये है, कि ये अदालतों में आपराधिक मामलों का त्वरित निपटान सुनिश्चित करने के लिए, प्रभावी रूप से गवाहों की उपस्थिति का पता लगाएगा। जोकि न्याय व्यवस्था में विलंब के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है।
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ये सॉफ्टवेयर या ऐप गवाहों, अदालत के नाम, पुलिस स्टेशन और उसके आवासीय पते के बारे में जानकारी सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही एसएमएस के जरिए पुलिस थाने के प्रभारी और जिला एसपी के माध्यम से स्वचालित रूप से तत्काल प्रीलोडेड ईमेल पर पहुंच जाएगा। इससे अदालतों में गवाहों की उपस्थिति में मदद मिलेगी, और अदालती सुनवाई में अनावश्यक स्थगन से बचने में मदद मिलेगी।
सूबे की राजधानी लखनऊ से 100 किलोमीटर दूर हरदोई जिला मजिस्ट्रेट, शुभ्रा सक्सेना ने Newstrack.com से बातचीत के दौरान बताया कि यह न्यायिक प्रणाली के कठिन अध्ययन के बाद तैयार किया गया था। जबकि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की एक विशेषज्ञ टीम ने इस परियोजना को अंजाम दिया है।
उन्होंने कहा कि इस सॉफ्टवेयर के चलन में आने के बाद आपराधिक मामलों की लंबी-लंबित सूची में गिरावट आएगी। यह न केवल अदालत के भार को कम करेगा बल्कि न्यायालय के सिद्ध सिद्धांत का भी ध्यान रखेगा, 'न्याय में देरी से न्याय अस्वीकृत' है। उन्होंने कहा कि मुकदमे के विलंब में गवाहों की अनुपस्थिति का सबसे बड़ा कारक रहा है, जबकि अत्यधिक देरी अक्सर उन पर प्रभाव डालती है।
आपको बता दें, हाल में ही संपन्न हुए राज्य के आम चुनाव में निर्वाचन आयोग में अपनी तैनाती के दौरान शुभ्रा ने काफी चर्चा बटोरी थी।
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