TRENDING TAGS :
गोरखपुर हादसे के बाद भी नहीं सुधरी स्वास्थय व्यवस्था, ये है आगरा के अस्पताल की हालत
आगरा: मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई ठप होने से मासूमों की मौत के बाद आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। यहां भी ऑक्सीजन का सप्लाई उधारी पर ही है। अगर बाकी सेवाओं की बात की जाए तो उनका भी हाल बेहाल है। दवा और सर्जरी का अधिकतर सामान मरीज खुद ही खरीद कर ला रहे हैं।
खुद दवा लाने को मजबूर लोग
- एस ऍन की डिमांड सूची में 100 से 130 तरह की दवाई रहती हैं। लेकिन उपलब्धता की बात करें तो ओ.पी.डी में 15 से 20 और भर्ती मरीजों के लिए करीब 20 से 25 तरह की दवाई मिल रही हैं।
- तीमारदार खांसी के सिरप, त्वचा रोग की दवा, एंटीबायोटिक, आई ड्राप, दर्द निवारक दवा समेत सिरिंज ,ग्लब्स,कॉटन से लेकर ऑपरेशन का पूरा सामान बाज़ार से खरीदने को मजबूर है।
- टेक्नीशियन की कमी के चलते अल्ट्रासाउंड और ऑपरेशन के लिए कई दिनों की वोटिंग चलती है।
- एस एन हॉस्पिटल में अगर 16वें मरीज की हालत खराब हुई तो वेंटीलिटर नसीब नहीं होता है।
- यहां पर 15 वेंटीलेटर ही चालू हालत में है।
- मेडिसिन विभाग का ICU नई बिल्डिंग की शिफ्टिंग के चलते हाल-फिलहाल बंद है।
- यहां के चार वेंटिलेटर की सुविधाएं मरीजों को नहीं मिल पा रही है।
हुई मौतें
- बीते दिनों वेंटिलेटर ना मिलने पर फिरोजाबाद निवासी अब्दुल ने दम तोड़ दिया था।
- वेंटिलेटर ना मिलने के चलते तीमारदार मरीज को निजी अस्पताल में ले जाने को मजबूर तक होते हैं।
जब हॉस्पिटल में आए हुए मरीजों से बातचीत की गई तो टूंडला से आए धर्मेश ने बताया कि लगभग सभी दवाए बाहर की लिखी गई है। अगर यह इलाज कराना है तो दवाई बाहर की लानी पड़ेगी
ताजगंज से आई विमला ने बताया कि हर आधे घंटे बाद दवाई की नई पर्ची लिख दी जाती है। अभी तक 30000 खर्च हो गए हैं।
इन सब से अलग प्राचार्य डॉक्टर सरोज सिंह का कहना है कि व्यवस्था लगातार सुधर रही है। पर्याप्त मात्रा में दावा आदि के लिए शासन से 10 करोड़ रुपए का बजट और स्टाफ की मांग की गई है।