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विमान और एयर ट्रैवल के कूल फैक्ट्स

raghvendra
Published on: 1 Jun 2018 5:30 PM IST
विमान और एयर ट्रैवल के कूल फैक्ट्स
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आज के समय में मध्यम वर्ग के लोगों के लिये हवाई यात्रा भी ट्रेन के सफर जैसी सामान्य सी चीज हो गयी है। लेकिन ये भी जान लीजिये कि दुनिया की मात्र ५ फीसदी आबादी ने ही हवाई यात्रा की है। हवाई यात्रा से जुड़ी बहुत सी बातें हैं जिन्हें अमूमन लोग नहीं जानते है। विमानों और विमान यात्रा से जुड़ी कुछ बातें जानते हैं :

एक ही समय में आसमान में कितने विमान होते हैं, यह जिज्ञासा लोगों के मन में रहती है। क्योंकि आसमान में तो विमान उड़ते कम ही दिखाई देते हैं और उड़ते विमान से यात्रियों को भी दूसरा विमान भी नहीं दिखाई देता है। लेकिन ये जान लीजिये कि एक ही समय में आसमान में ९७२८ विमान उड़ते रहते हैं। और इनमें १२,७०,४०६ लोग सवारी कर रहे होते हैं।

पायलटों की दुनिया से भी लोग अनजान रहते हैं। खाने-पीने की बात करें तो पायलट आमतौर पर वही भोजन लेते हैं जो यात्रियों को दिया जाता है। लेकिन कॉकपिट में बैठे दोनों पायलट हमेशा अलग-अलग भोजन लेते हैं ताकि फूड प्वायजनिंग की स्थिति में कम से कम पायलट तो सेफ रहे। इसके अलावा किसी यात्री विमान में पायलट टेकऑफ और लैंडिग से कुछ मिनट पहले ही विमान को अपने हाथ से उड़ाते हैं। फ्लाइट के बाकी समय ‘ऑटोपायलट’ ही कंट्रोल करता है। पायलट सिर्फ इंस्ट्रूमेंट्स को मॉनीटर करते रहते हैं। लंबी दूरी की फ्लाइट्स में पायलट बारी बारी से सोते भी हैं।

आकाशीय बिजली तो सबको डराती है और खासकर उड़ते विमान के यात्रियों को तो डर ज्यादा ही लगता है। सच्चाई है कि विमान पर बिजली गिरना आम बात है। आमतौर पर आकाशीय बिजली विमान के पंख के टिप या विमान के सबसे आगे के हिस्से ‘नोज़’ पर ही गिरती है। इसके बाद ये विमान के पिछले हिस्से से होते हुए बाहर निकल जाती है। बिजली से ज्यादा कुछ नहीं बस, विमान के बाहरी हिस्से को थोड़ा नुकसान पहुंचता है। जहां तक विमान यात्रा के सुरक्षित होने की बात है तो ये जान लीजिये कि प्रत्येक ५० लाख कमर्शियल फ्लाइट्स में औसतन एक व्यक्ति की मौत होती है। वैसे, कमर्शियल विमान यात्रा के लिहाज से २०१७ सबसे सुरक्षित वर्ष रहा जब कोई भी घातक क्रैश नहीं हुआ। इसकी तुलना में २००५ में कमर्शियल फ्लाइट्स में १००० लोगों की जानें गयी थीं। विमान के एग्जास्ट से ही हर साल कोई १० हजार लोग मारे जाते हैं।

पहला विमान : दुनिया का पहला विमान था ‘राइट फ्लायर’ जिसे राइट बंधुओं ने १९०३ में बनाया था। इसी टॉप स्पीड ज्यादा नहीं, बस ११ किलोमीटर प्रतिघंटा थी। १९०५ में राइट बंधुओं ने एक अपग्रेडेड मॉडल ‘राइट फ्लायर ३’ बनाया था जो काफी लंबी दूरी तक उड़ा था।

सबसे पुरानी एयरलाइंस : विश्व की सबसे पुरानी एयरलाइंस हॉलैंड की ‘केएलएम’ है। इसकी स्थापना १९१९ में हुयी थी। इसके बाद १९२० में ‘क्वांटास’ की स्थापना हुयी थी। क्वांटास ने ही सबसे पहले १९७९ में ‘बिजनेस क्लास’ की स्थापना की थी।

क्या कीमत होती है एक प्लेन की : विमान की कीमत उसकी डिजाइन, इंजन, और डिजाइन पर निर्भर करती है। वैेसे सबसे महंगा विमान है ‘एयरबस ए ३८०’ जिसकी कीमत ४३७ मिलियन डॉलर है।

दुनिया का सबसे बड़ा विमान : विश्व का सबसे भारी भरकम विमान है ‘एंटानोव एएन-२२५’ जिसका वजन ६४० टन है। आप इसे १२८ हाथियों के वजन के बराबर मान सकते हैं। सबसे लंबे-चौड़े पंख की बात करें तो ‘स्ट्रालॉंच’ विमान के पंख सब पर भारी हैं। २०१८ में पेश किये गये इस विमान के पंख ११७ मीटर से ज्यादा लंबे हैं। वैसे, एक फुटबॉल का मैदान ९० मीटर का होता है।

सबसे तेज विमान : विश्व का सबसे तेज विमान है लॉकहीड एसआर - ७१ ब्लैकबर्ड। ये ३५३० किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। सबसे तेज कमर्शियल विमान है बोङ्क्षग ७४७-८आई जिसे कोरियन एयर, एयर चाइना और लुत्फहांसा इस्तेमाल में लाती हैं। वैसे कमर्शियल जेट आमतौर पर ८८५ से ९३३ किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकते हैं।

किसी विमान के भीतर का वातावरण प्रेशर के कारण ऐसा होता कि यात्रियों की नाक सूख जाती है। बदलते एयर प्रेशर के कारण तीन में से एक व्यक्ति में स्वाद क्षमता सुन्न पड़ जाती है। यही वजह है कि एयरलाइंस अपने भोजन में ज्यादा मात्रा में मसाले और नमक डालती हैं।

विमान में सबसे सेफ जगह

रिसर्च से पता चला है कि किसी विमान क्रैश की स्थिति में पीछे की ओर बैठे लोगों के बचने की संभावना ४० फीसदी ज्यादा होती है। अगर आप एयर टर्बुलेंस से घबराते हैं तो आपको विमान के बीच वाले एरिया में बैठना चाहिये। वैसे, अगर आपको विमान यात्रा डराती है तो आपक अकेले नहीं हैं। हर पांच में से एक व्यक्ति हवाई यात्रा से डरता है।

दुनिया की पांच सबसे सस्ती एयरलाइंस

किफायती दर पर विमान सेवा देने वाली इंडिगो तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस अंतरराष्ट्रीय संपर्क सुविधा उपलब्ध कराने वाली दुनिया की शीर्ष पांच सस्ती एयरलाइंस में शामिल हैं। ग्लोबल फ्लाइट प्राइसिंग रिपोर्ट के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया एक्सप्रेस सूची में दूसरे तथा इंडिगो पांचवें स्थान पर है। सूची में दो अन्य भारतीय एयरलाइंस भी शामिल हैं। इसमें जेट एयरपेज 12वें तथा उसके बाद एयर इंडिया 13वें स्थान पर है।

मुख्य रूप से खाड़ी देशों तथा सिंगापुर को जोडऩे वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस की औसत लागत 0.08 डॉलर प्रति किलोमीटर तथा इंडिगो की 0.10 डॉलर प्रति किलोमीटर है। इंडिगो भारतीय शहरों को खाड़ी देशों के अलावा बैंकॉक, कोलंबो तथा काठमांडू को जोड़ती है। सूची में सबसे ऊपर एयर एशिया एक्स की औसत लागत 0.078 डॉलर प्रति लागत है।

इंडोनेशिया एयर एशिया तथा प्राइमेरा एयर अन्य दो एयलाइंस हैं जो शीर्ष पांच में शामिल हैं। इसके अलावा एतिहाद, रेयानएयर, क्वांटास, वाओ एयर तथा वर्जिन आस्ट्रेलिया शीर्ष 10 किफायती एयरलाइंस में शामिल हैं। शीर्ष 10 में ब्रिटेन या अमेरिका की एक भी एयरलाइंस शामिल नहीं है।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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