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लगभग पुराने पॉवर के साथ आलोक रंजन ने शुरू की अपनी नई पारी
लखनऊ: पिछले 30 जून को यूपी के चीफ सेक्रेटरी (सीएस) पद से अवकाश लेने के बाद आलोक रंजन ने सीएम अखिलेश यादव के सलाहकार के रूप में अपनी नई पारी शुरु कर दी है। उन्हें चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल से ज्यादा शक्तियां मिली हुई हैं।
आलोक रंंजन के अवकाश ग्रहण करने के बाद ही सीएम अखिलेश यादव ने उन्हें अपना सलाहकार नियुक्त कर लिया था। आलोक रंजन को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है और वे सीएम के 24 ड्रीम प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग का काम देखेंगे। आलोक रंजन यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (यूपीएसआईडीसी) के अध्यक्ष भी होंगे। आलोक रंजन को सीएम ने राज्य सरकार के 150 सूत्रीय विकास एजेंडे को भी देखने की जिम्मेदारी दी है। अब तक ये काम सीएस देखा करते थे ।
अब ये बात किसी से छिपी नहीं है कि अच्छी इमेज नहीं होने के कारण भी सीएम अखिलेश यादव दीपक सिंघल को चीफ सेक्रेटरी पद पर नहीं देखनाचाहते थे, लेकिन उन्हें सपा अध्यक्ष और अपने पिता मुलायम सिंह यादव, दोनो चाचा राम गोपाल और शिवपाल सिंह यादव के सामने झुकना पड़ा।
सीएम कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, विकास की करीब सभी योजनाएं आलोक रंजन के सीएस रहते ही शुरू की गई थी उनके काम की गति पर सीएम अखिलेश संतुष्ट भी थे। विकास का काम सुचारू रूप से चलता रहे संभवत: इसीलिए अखिलेश यादव ने उन्हें अपना सलाहकार नियुक्त किया है। अखिलेश यादव चाहते हैं कि लखनउ मेट्रो, आगरा एक्सप्रेस वे, आईटी सिटी जैसे प्रोजेक्ट पहले जैसी गति से कम से कम विधानसभा चुनाव तक चलते रहने चाहिए।