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अमर सिंह ने RSS के संगठन सेवा भारती को 15 करोड़ की संपत्ति की दान

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने अपनी पैतृक संपत्ति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा भारती संस्थान को दान दे दी। अमर सिंह ने अपनी जिस पैतृक संपत्ति को आरएसएस से जुड़े संगठन को रजिस्ट्री किया है

Dharmendra kumar
Published on: 20 Feb 2019 4:28 PM IST
अमर सिंह ने RSS के संगठन सेवा भारती को 15 करोड़ की संपत्ति की दान
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नई दिल्ली: जनपद आजमगढ़लालगंज तहसील में बुधवार को उपनिबंधन कार्यालय में राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने अपने पैतृक गांव तरवां में स्थित करीब 12 करोड़ रुपये के मकान और जमीन की रजिस्ट्री (बैनामा) आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) के राष्ट्रीय सेवा भारती के नाम कर दिया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ऋषिपाल सिंह ददवाल भी मौजूद थे।

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राज्यसभा सांसद अमर सिंह और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ऋषिपाल सिंह ददवाल बुधवार को दोपहर लालगंज उप निबंधन कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने उपनिबंधन कार्यालय में कागजी औपचारिकताएं पूरी कर अपनी सम्पत्ति को आरएसएस राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय सेवा भारती के नाम कर दिया। अमर सिंह ने बैनामें में तरवां बाजार के मुख्य मार्ग पर स्थित लगभग दो बीघा जमीन में बना हुआ बुलेटप्रुफ खिड़की वाला तीन मंजिला आधुनिक सुविधाओं से लैस मकान है। मकान में लिफ्ट भी है। स्वीमिंग पुल, लॉन है। इसकी अनुमानित लागत लगभग 12-15 करोड़ रुपये बताई जा रहा है।

बैनामे के बाद राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने सेवा भारती को धन्यवाद देते हुए कहा कि सेवा भारती ने उनके तुच्छ, समर्पण भाव को लिया। हर स्वार्थी पुत्र की तरह अनन्तकाल तक हमारे पिता का नाम अच्छुण रहे इसके लिए उन्होंने सेवा भारती को सर्मपण किया है। उन्होंने कहा कि वे यहां पर रहते नहीं और खाली घर भूत का, तो इतनी बड़ी सम्पत्ति और बड़ा प्रागंण अनुपयोगी न रहे उपयोगी रहे इसके लिए सेवा भारती को धन्यवाद देते है।

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सांसद अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारे इस कदम की आलोचना करने वाले समाजवादी अपने पुरखों का इतिहास शायद भूल गये है। यही नहीं वे अपने दल का इतिहास जानने की कोशिश भी नहीं की। उन्होंने कहा कि लोहिया पार्क बनाने से आप लोहिया नहीं हो जाएंगे, लोहिया जी रामायण का पाठ कराते थे और प्रदेश के प्रोफेसर बासुदेव सिंह, महादेवी वर्मा, अटल बिहारी वाजपेयी नियमित रूप से रामायण मेले में जाते थे। और लोहिया जी वहां कहते थे कि राम का नाम पहले मत लो बल्कि सीता का नाम लो क्योकिं सीता का त्याग अधिक है। उन्होंने कहा कि भारत, बंगाल और पाकिस्तान का एक महासंघ बनाने की सोच डा. राम मनोहर लोहिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की थी।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ऋषिपाल सिंह ददवाल ने कहा कि राज्यसभा सांसद ने अमर सिंह ने अपने पिता स्व. ठाकुर हरिश्चंद्र की याद में दिया है। यहां सेवा भारती ठाकुर हरिश्चंद्र सेवा केंद्र के नाम से अपना कार्यक्रम चलायेगी। यहां समाज के जरूरतमंदों, महिलाओं के लिए ओमेन इन पावरमेंट के रूप में एक बड़ा केन्द्र विकासित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त समाजहित, देशहित में यहां से एक अच्छा संदेश जायेगा।

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उन्होंने कहा कि वे अमर सिंह को अपने बड़े भाई के रूप में मानते हैं। वह मन, दिल से और व्यक्तित्व के काफी धनी है। उन्होंने सेवा भारती को दान नहीं किया बल्कि भावपूर्ण समर्पण किया। उन्होंने इसे ईश्वर का कार्य माना है। अमर सिंह ने स्वयं हमसे कहा कि ईश्वर को जो देना होता है उसे श्रद्धा के भाव के साथ सजाकर थाली में लेकर मैं आपके पास आया हूं और आशा है कि आप इसे ठुकरायेंगे नहीं। श्री ददवाल ने कहा कि मैं इस देश का एक नागरिक और संगठन का एक सिपाही हूं तो ऐसे उच्चकोटि के भाव वाले व्यक्ति को कैसे मना किया जा सकता है। यह वैसा ही है जैसे महाराणा प्रताप को भामा शाह ने अपने जीवन की समस्त कमाई दी थी। उन्होंने कहा कि अमर सिंह ने कहा कि वे भामा शाह तो नहीं है लेकिन जो मेरे से बन सका वह कर रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ऋषिपाल सिंह ददवाल ने कहा कि राज्यसभा सांसद अमर सिंह देश के कई स्थानों पर गये है और जहां-जहां भी सेवा के काम को देखते है वे किसी भी राजनैतिक दल में रहे हो लेकिन वे अच्छे काम बहुत से वर्षों से करते चले आ रहे हैं। उसमें सिर्फ संघ ही नहीं बल्कि राजस्थान में 100 कन्याओं का प्रतिवर्ष विवाह, भील जाति की 100 कन्याओं को और एक अन्य स्थान पर 80 कन्याओं को निःशुल्क शिक्षा दिलाने का कार्य करते है। अमर सिंह के राष्ट्रीय स्वयं संघ के वरिष्ठ अधिकारियों से युवा अवस्था से ही सम्पर्क व सम्बन्ध रहे है और उनसे वे मार्गदर्शन लेते रहे हैं।



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Dharmendra kumar

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