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राजघाट पर हुआ था बापू का अंतिम संस्कार, इस शहर में भी दफन हैं अस्थियां
रामपुर : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को नाथू राम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बापू का अंतिम संस्कार दिल्ली के राजघाट में किया गया। कम ही लोग यह जानते होंगे कि राजघाट के अलावा एक और स्थान है जहां बापू की अस्थियां दफन हैं।
कहां हैं बापू की अस्थियां दफ़न ?
राजघाट के अलावा यूपी के रामपुर में जिले भी बापू की अस्थियां दफ़न हैं। रामपुर के तत्कालीन नवाब रजा अली खां ने बापू के अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियां अष्टधातु के कलश में रामपुर लाए थे। उन्होंने बेहद सम्मान के साथ रामपुर में गांधी समाधि बनवाई, जहां इस कलश को दफ़नाया गया।
रियासत में मना था शोक
रामपुर रियासत के तत्कालीन नवाब रजा अली खां ने महात्मा गांधी की हत्या की खबर सुनी तो रामपुर रियासत में भी 13 दिन के सरकारी मातम का ऐलान किया था।
23 तोपों की दी थी सलामी
2 फरवरी को महात्मा गांधी के अंतिम संस्कार के दिन जुबली पार्क (गांधी पार्क) और जिले में स्थित कोसी नदी पर शोक सभाओं का आयोजन किया गया था। रामपुर किले से 23 तोपों की सलामी दी गई।
नवाब भी हुए थे अंतिम संस्कार में शामिल
रामपुर के तत्कालीन नवाब रजा अली खां बापू के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।
मुसलमान होने के नाते आई थी दिक्कत
-इतिहासकार जुबैर शाह खान ने बताया कि रजा अली खां बापू की अस्थियां रामपुर लाने की इच्छा जताई।
-मुसलमान होने के नाते उन्हें अस्थियां देने में संकोच किया गया।
-गांधी के प्रति प्यार को देखते हुए पंडितों ने अस्थि सौंप दी।