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BIG B के साथ इस एक्ट्रेस ने किया था डेब्यू, महमूद का इन पर आया था दिल

Newstrack
Published on: 2 May 2016 11:03 AM GMT
BIG B के साथ इस एक्ट्रेस ने किया था डेब्यू, महमूद का इन पर आया था दिल
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मुंबईः बॉलीवुड की सफल चरित्र अभिनेत्री अरुणा ईरानी का जन्म 3 मई 1952 को मुंबई में हुआ था। अब तक उन्हें फिल्मफेयर समेत कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत सुपरहिट फिल्म गंगा जमुना (1961) से बाल कलाकार के रूप में की थी। वह अब तक करीब 357 फिल्मों में अपनी अदायगी का लोहा मनवा चुकीं हैं।

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उनपर फिल्माए गाने एवरग्रीन

70-80के दशक की फिल्मों में अरुणा ईरानी एक्ट्रेस के रूप में फिल्मों में ज्यादा सफल नहीं रहीं, लेकिन को-एक्ट्रेस के रूप में उन्होंने कई स्थापित एक्ट्रेस को टक्कर दी है। वैसे बॉलीवुड में अरुणा ईरानी कभी बाल कलाकार, तो कभी कॉमेडियन के रूप में नजर आईं। कभी वे खलनायिका बनीं और कभी हीरोइन! थोड़ा रेशम लगता है, चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी, दिलबर दिल से प्यारे, मैं शायर तो नहीं बॉलीवुड फिल्मों के ये वो सुपहिट गाने हैं जो अरुणा ईरानी के डांस के लिए भी फेमस हैं।

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महमूद के साथ छोड़ प्रोफेशन पर दिया ध्यान

1972 में उन्होंने बिगबी के साथ 'बॉम्बे टू गोवा' में काम किया। इस फिल्म में महमूद भी थे। अरुणा का नाम उस वक्त महमूद के साथ जोड़ा जाता था। उन्होंने महमूद के साथ 'औलाद' (1968), 'हमजोली' (1970), 'नया जमाना' (1971), 'गरम मसाला' (1972) और 'दो फूल' (1973) में काम किया। हालांकि, अरुणा को जब इस बात का अहसास हुआ कि महमूद उनके प्रति इमोश्नल फिलिंग रखते है तो उन्होंने महमूद को छोड़ सारा ध्यान अपने फिल्मी करियर पर फोकस किया।

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उनके दो भाई इंद्र कुमार और आदि ईरानी है, जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। 1961 में 'गंगा जमुना' में अजरा के किरदार के साथ अरुणा ने अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। उस वक्त वो सिर्फ 9 साल की थीं। वो 'जहां आरा' (1954), 'फर्ज' (1967), 'उपकार' (1967), 'आया सावन झूम के' (1969), 'कारवां' (1971) जैसी सफल फिल्मों में काम कर चुकी हैं। फिल्म कारवां में अरुणा के काम को सभी ने बहुत सराहा था।

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फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिला

अरुणा ने इंडस्ट्री में आने वाली नई अभिनेता और अभिनेत्रियों की बहुत भी मदद की। उन्होंने 'फर्ज' में जितेंद्र, 'बॉबी' में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया, 'सरगम' में जयाप्रदा, 'लव स्टोरी' में कुमार गौरव और 'रॉकी' में संजय दत्त की काफी मदद की, लेकिन उनका दुर्भाग्य ये रहा कि ये सभी सुपरस्टार बन गए और अरुणा सपोर्टिंग एक्ट्रेस बनकर रह गईं। हालांकि, उन्हें शानदार अभिनय के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग अवॉर्ड मिल चुका है। 2012 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।

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फिल्मों के साथ सीरियल भी किया

अपने करियर के दौरान उन्होंने कई मराठी फिल्में भी की हैं। इतना ही नहीं उन्होंने बड़े पर्दे के साथ छोटे पर्दे पर भी किस्मत आजमाई। 2000 में उन्होंने धारावाहिक 'जमाना बदल गया' से छोटे पर्दे पर अभिनय की शुरुआत की। संस्कार- धरोहर अपनों की सीरियल में भी नजर आई हैं और अभी भाग्यलक्ष्मी सीरियल में महत्वपूर्ण भूमिका में दिखी।

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अब भी है सक्रिय

90 के दशक में अरुणा ईरानी ने 'बेटा' और 'राजा बाबू' जैसी फिल्मों से मां के रोल निभाने शुरू किए। 'बेटा' में उन्होंने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता। आज के दौर के निर्देशकों में अरुणा ईरानी की इच्छा करण जौहर और इम्तियाज अली के साथ काम करने की हैं क्योंकि उनके मुताबिक ये निर्देशक नए दौर के अनुरूप फिल्में तो बनाते हैं, लेकिन इमोशंस पर भरपूर जोर देते हैं। बचपन से काम करती आईं अरुणा की कामना है कि अंतिम सांस तक वे काम करती रहें।

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