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जगमग भई अयोध्या, सुंदर सपनों को जमीन पर उतारने का रिकार्ड दर्ज

raghvendra
Published on: 10 Nov 2018 6:06 AM GMT
जगमग भई अयोध्या, सुंदर सपनों को जमीन पर उतारने का रिकार्ड दर्ज
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योगेश मिश्र/नाथ बख्श सिंह

अयोध्या/लखनऊ: अयोध्या की दीपावली पर वहां के बाशिंदों की खुशी बता रही थी कि वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या पहुंचने का दृश्य कितना मनोरम रहा होगा। साधु संत मस्ती भरी उमंग में नाच रहे थे। अयोध्या रोशनी से इस कदर नहाई थी कि सुई भी गिर जाए तो मिलने में मिनट न लगे। सजावट मंत्र मुग्ध करने वाली थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जोंग सुक ने मिलकर जब एक बड़ा दीप जलाया उसके बाद तकरीबन साढ़े तीन लाख दीयों के जलने में इतना कम समय लगा मानो दीयों में बिजली के तार दौड़ाए गए हों। दीपों की कतार अब तक बनी बड़ी से बड़ी मानव श्रृंखला को भी पीछे छोड़ रही थी। सचमुच अयोध्या फिर एक इतिहास रच रही थी। वह गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड हो या सुंदर सपनों को जमीन पर उतारने का रिकार्ड हो।

मुख्यमंत्री ने अयोध्या को लेकर लगाई जा रही सारी अटकलों को इस मंत्रमुग्ध करने वाली अयोध्या में दूसरी दीपावली मनाकर विराम दे दिया। सातवीं बार अयोध्या पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि अब फैजाबाद जिला अयोध्या के नाम से जाना जाएगा। मेडिकल कालेज का नाम राजा दशरथ के नाम पर तथा प्रस्तावित हवाई अड्डे को मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम पर रखने का भी ऐलान किया। बीते दो दिनों से अयोध्या और फैजाबाद की दूरी मिट सी गई थी। फैजाबाद के लोग अयोध्या की छटा देखने के लिए रात दो बजे तक अयोध्या की ओर रुख करते रहे। आने जाने वालों का सिलसिला टूटने का नाम नहीं ले रहा था। अयोध्या में लगने वाले मेलों में उमडऩे वाली भीड़ के भी रिकार्ड आदित्यनाथ की दीपावली ने तोडक़र रख दिये। यह दीपावली दक्षिण कोरिया के साथ सांस्कृतिक रिश्तों की गवाह भी बनी। अब इन्हें मजबूत करने के लिए अयोध्या से ताल्लुक रखने वाली दक्षिण कोरिया की रानी सूरी रत्न (हिव होंग ओक) की याद में स्मारक बनाने की शुरुआत भी हुई।

इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने के बाद भी किसी के लिए यह अनुमान लगाना मुश्किल था कि योगी आदित्यनाथ अयोध्या की अपनी दीपावली में फैजाबाद का नाम बदलकर रख देंगे। हालांकि भक्तमहल के महंत अवधेश दास इस बात को मीडिया के लोगों को बता रहे थे पर किसी को यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि मीडिया तो भगवान राम की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की तरह विशाल मूर्ति की खबरें साया कर रहा था। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम अयोध्या करके आम आदमी का दिल जीत लिया। हर संप्रदाय के संत और महंत उनकी इस घोषणा पर नाचते नजर आए।

दीपोत्सव पर अयोध्या के घाटों पर जलाए गए तीन लाख 35 हजार दीपों के बीच रामायण के लेजर शो ने लोगों को पूरी तरह बांधे रहा। किम जोंग सुक को अपने संबोधन में कहना पड़ा कि इस भव्य में आयोजन में आकर मैं बहुत खुश हूं। उन्होंने अयोध्या के आमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। भारत और दक्षिण कोरिया के लोगों की समृद्धि की कामना की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव की मनमोहक छटा के बीच लोगों को दीपावली की शुभकामना देने के साथ ही घोषणाओं की झड़ी लगा दी। फैजाबाद का नाम बदला, प्रस्तावित एयरपोर्ट और मेडिकल कालेज के नाम बदलने का एलान किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता, यह हमारी आन बान और शान का प्रतीक है। अयोध्या भारत की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। इसी से जुडऩे के लिए दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जोंग सुक यहां आयी हैं।

उन्होंने यहां आकर यह साबित कर दिया कि संस्कृति से जुड़ाव के लिए भाषा आड़े नहीं आती। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं पहले यहां आता था तो संत समाज सरयू में गंदा नाला गिरने की शिकायत करता था। जिस पर ध्यान देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे योजना के तहत इस पर रोक लगा दी। अयोध्या को सुंदर और भव्य बनाने का कार्य किया जा रहा है। सरयू साफ हो रही है। घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। सडक़ों को चौड़ा किया जा रहा है। दक्षिण कोरिया और भारत का रिश्ता दो हजार साल पुराना है। कोरिया सरकार इस रिश्ते को मजबूत करने के लिए स्मारक बनवाना चाहती है।

इस मौके पर मौजूद बिहार के राज्यपाल व लखनऊ के पूर्व सांसद लालजी टंडन ने कहा कि आज अयोध्या में हो रहे इस आयोजन का साक्षी बनकर हम सब धन्य हो गए। उन्होंने राम मंदिर का नाम लिए बिना कहा कि आप सब राम के प्रताप पर यकीन रखें। हो सकता है कि अगले दीपोत्सव का आयोजन राम मंदिर के भव्य निर्माण के साथ हो।

केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने कहा कि अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन अतीत की एक झलक है। यह तो दूसरा वर्ष है जब अयोध्या में इस तरह का आयोजन किया जा रहा है। तीसरे, चौथे और पांचवें वर्ष में क्या होगा इसका इंतजार कीजिए। उन्होंने जय श्री राम कहकर अपने भाषण को खत्म किया।

दीये जलाने का बना विश्व रिकार्ड

दीपोत्सव पर अयोध्या के घाटों पर तीन लाख 35 हजार दीप जलाए गए। जिसमें राम की पैड़ी पर दीपोत्सव का मुख्य कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें लक्ष्मण घाट पर 40 हजार, वैदेही घाट पर 20 हजार, श्री राम घाट पर 30 हजार, दशरथ घाट पर 40 हजार, भरत घाट पर 18 हजार, शत्रुघ्न घाट पर 17 हजार, नागेश्वर घाट पर 34 हजार, श्रुति कीर्ति घाट पर 30 हजार, कौशल्या घाट पर 50 हजार, सुमित्रा घाट पर 18 हजार, उर्मिला घाट पर 18 हजार दीप जलाए गए।

दीप जलाने के लिए 14 हजार लीटर तेल की व्यवस्था की गई थी। दीपोत्सव के प्रभारी आशीष ने बताया कि घाटों पर दीप जलाने की जिम्मेदारी मोहित सिंह, नरेंद्र शुक्ला, एन. सी. श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, प्रसून पांडे, तृप्ति सिंह, शीतल गुप्ता, मोहम्मद अमान, रवि प्रकाश पांडे, विशाल राठौड़, राखी सिंह व हर्षित सिंह को दी गई थी। इनके सहयोग के लिए 5000 वालंटियर भी लगाए गए थे। जयसिंहपुर में दीप बनाने का काम विनोद कुमार प्रजापति को दिया गया था। इन्होंने अपने परिवार व गांव के 300 लोगों के साथ मिलकर ये काम पूरा किया।

दीपोत्सव कार्यक्रम में अयोध्या के नेत्रहीन बच्चों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर राम कथा संग्रहालय में राम बाजार का उद्घाटन किया गया। इसमें रामायण की दुर्लभ वस्तुओं, ग्रंथ, पुस्तकों का खजाना है।

महिला स्वयं सहायता समूहों से बनवाए गए दिये

अयोध्या में 3 लाख 35 हजार दीये एक साथ जला कर जो गिनीज रिकॉर्ड बनाया गया उसमें महिला स्वयं सहायता समूहों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। ये दीये फैजाबाद, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, सुलतानपुर और बस्ती के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए। विशेष रूप से डिजाइन किए गए इन दीयों का व्यास 7 सेंटीमीटर और गहराई ढाई सेंटीमीटर थी। एक दीया करीब 45 मिनट तक जलता रहा। दीयों के लिए 5 लाख बत्तियां और 8 हजार मोमबत्तियां भी महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाई गई।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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