×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और अनंत मामले में पुलिस दोराहे पर

Newstrack
Published on: 25 Jan 2018 10:05 PM IST
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और अनंत मामले में पुलिस दोराहे पर
X

पटना: उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का गुर्गा बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की हत्या करना चाहता था। राजधानी पटना से 70 किलोमीटर दूर बाढ़ कोर्ट परिसर में हुई एक हत्या के मामले में गिरफ्तार अपराधी मोनू यूपी के बाहुबली विधायक अंसारी का गुर्गा है और बाहुबली अनंत सिंह की हत्या की साजिश को लेकर उसके खुलासे के बाद अब पुलिस दोराहे पर खड़ी है। मोनू ने अपने भाई सोनू के अंसारी के साथ होने की बात भी कही है। अब अगर पुलिस अपनी बात पर कायम रहते हुए उस तक पहुंचने की कोशिश करे तो अनंत सिंह की हत्या की साजिश का पर्दाफाश होना संभव है, लेकिन इसकी उम्मीद दूर-दूर तक नहीं दिख रही है। इस साजिश का पर्दाफाश होते ही राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के कुछ नेताओं की चिंता बढ़ गई है। जांच बढ़ी तो कुछ पर आंच भी आ सकती है। इसलिए इस मामले को कोई तूल देना नहीं चाह रहा है।

अपनी बोली और छवि के कारण अनंत सभी के दुश्मन

बिहार की राजनीति में अनंत सिंह की बिल्कुल अलग छवि है। अनंत एक कुख्यात अपराधी की छवि को बदलने के लिए राजनीति में आए या राजनीति के सहारे अपनी इस छवि को बढ़ाने, यह कभी किसी की समझ में नहीं आया। अनंत सिंह जदयू के विधायक थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने भी ठीक से नहीं पेश आते थे। पिछली बार जब महागठबंधन हुआ तो जदयू से बाहर हो गए। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के कट्टर विरोधी अनंत सिंह उन पर हमेशा हमलावर रहे हैं। लालू प्रसाद के बारे में उनके बयान कई बार वायरल हो चुके हैं और इससे बिहार की राजनीति में बड़ा दखल रखने वाली दो जातियों यादवों और भूमिहारों के बीच दूरी के साथ ही दुश्मनी भी बढ़ी है।

ऐसे में जदयू-राजद गठबंधन में अनंत सिंह के लिए जदयू में जगह नहीं थी तो उन्होंने मोकामा से निर्दलीय लडक़र अपनी सीट कायम रखी। महागठबंधन सरकार बनते ही अनंत को पुलिस ने बड़ा ऑपरेशन चलाकर गिरफ्तार किया था। तब यह बात भी उठी थी कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के सामने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुछ नहीं चल रही। अनंत समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी घेरा था। महागठबंधन सरकार से जदयू के हटने के बाद अनंत सिंह या उनके समर्थकों ने जदयू या नीतीश पर कोई बड़ा जुबानी हमला नहीं किया है, लेकिन राजद से उसका कट्टर विरोध बार-बार निकल कर सामने आ रहा है। 22 महीने जेल में रहने के बाद पिछले साल अप्रैल में बाहर आए निर्दलीय अनंत सिंह ने राजद से अलग होकर जदयू-भाजपा की सरकार बनने पर विधानसभा में उसका न केवल समर्थन किया था, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में दोबारा विकास की बात भी कही थी।

कौन खर्च कर सकता है 50 लाख

यूपी के बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के गुर्गे मोनू ने खुलासा किया है कि मोकामा के बाहुबली निर्दलीय विधायक अनंत सिंह की हत्या के लिए 50 लाख रुपए में डील हुई थी। पिछले साल सोनपुर के पशु मेले में अनंत सिंह की हत्या की पूरी तैयारी भी हो चुकी थी। अजगर पालने के शौकीन और घोड़े पर सवारी के लिए जाने जाते रहे अनंत को मारने के लिए पुलिस से लूटी इंसास राइफल भी खरीदी जा चुकी थी। गिरफ्तार अपराधी से इतनी बातों को उगलवा चुकी पुलिस यह खुलासा नहीं कर रही कि अनंत सिंह की हत्या के लिए 50 लाख रुपए खर्च करने वाले का क्या नाम है और वह इंसास किसके पास है। पुलिस के अनुसार मोनू ने मुख्तार अंसारी के लिए काम करने की बात स्वीकारी है। उसने यह भी स्वीकारा है कि उसका भाई सोनू अब भी अंसारी के साथ है। लेकिन उसने अब तक अनंत सिंह को मारने के लिए 50 लाख रुपए देने वाले का नाम नहीं बताया है।

पुलिस के पास आगे की जानकारी है और वह किसी खास कारण से जानकारी नहीं दे रही, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि पटना के एसएसपी मनु महाराज ने साफ कहा कि मोनू से मिली जानकारी के आधार पर आगे जांच चलेगी और कुछ ठोस आने पर उसका खुलासा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अपराधी का पिता प्रमोद कुमार जेल में है। भाई सोनू मुख्तार अंसारी के साथ बताया जा रहा है। मोनू ने पुलिस के सामने बयान दिया है कि बाढ़ कोर्ट में हत्याकांड को अंजाम देने के बाद सोनू यूपी चला गया था, इसलिए इसी कांड की जांच के सहारे बिहार पुलिस उत्तर प्रदेश का रुख कर सकती है।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story