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पुस्तक समीक्षा : आम आदमी की जद्दोजहद बयां करती कहानियां

Rishi
Published on: 18 Aug 2017 5:00 PM IST
पुस्तक समीक्षा : आम आदमी की जद्दोजहद बयां करती कहानियां
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दफन हुए शिलालेख, हरभजन की यह पहली कहानी संग्रह है, लेकिन इससे पहले उपन्यास और काफी कुछ लिख चुके हैं। इस संग्रह की कहानियों में जीवन के विभिन्न रंग उद्घाटित होते हैं। हरभजन के पात्रों में आम आदमी निरंतर हताशाओं, कुष्ठाओं, आशंकाओं से भिड़ता नजर आता है। हरभजन की कथाओं में आम आदमी के जीवन की त्रासदी और अद्म्य जिजीविषा, दोनों एक साथ उपस्थित हैं। कहानियों से गुजरने पर एक खास किस्म की बुनावट से पाठक रूबरू होता है, जिसमें क्रमवार शब्द चित्र उद्धेलित करते आवेग, सीधी सरल ग्राह्य भाषा और टीसन शब्दों के साथ प्रवाहित होती है।

संग्रह की पहली कहानी ‘आज एक भेडिय़ा मारेंगे’ तंत्र और व्यवस्था पर चोट करती एक मौलिक कहानी है कि एक बेकसूर जो अपनी पत्नी को बच्चा जनने के लिए मैटरनिटी हास्पिटल में भर्ती करा आया हो और उस बेकसूर को लॉकअप में बंद कर दिया जाता है। नौकरी के लिए साक्षात्कार देने तो जा नहीं पाया, पत्नी के बारे में सोच-सोच कर उसका बुरा हाल होता है, कि पत्नी कराह रही होगी। उसे वह टकला व्यक्ति दिखता है, जिसके कारण उसे लॉकअप में रहना पड़ता है। पर अपने नवजात बच्चे का ख्याल आते ही वह टकले को जान से मार देने का विचार त्याग देता है। यह मानवता की जीत होती है। ‘अधूरी प्रेम कहानी’ पुराने समय के मूल्यों और वर्जनाओं को अभिव्यक्ति करती कहानी है कि किस तरह नायक सुरेखा का हाथ चूम लेता है और उसके गाल पर थप्पड़ पड़ जाता है। जिसकी टीस वह जीवन पर्यन्त असफल प्रेम के रूप में महसूस करता है।

‘जवाबदेह’ कहानी में जीवन की आपाधापी से जूझता नायक-अवसाद ग्रस्त मां। पारिवारिक झंझावतों से जूझती पत्नी और पगार न मिल पाने के वित्तीय संकटों से भिड़ता रहता है। नौकरी चली जाने के भय से आक्रांत नायक सोचता है। कंपनी में जल्द ही ताला लगने वाला है। छंटनी हो जाएगी, तमाम स्टाफ को बाहर लिकाल देंगे। बस कुल मिलाकर हादसों का इंतजार करते हैं सब लोग। मां को क्या हो गया। एक पिल्ले की कथा है, जो शुरू से अंत तक बांध कर रखती है।

-प्रतिमा श्रीवास्तव



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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