×

मायावती को करारा झटका, रामवीर की पत्नी सीमा ने फतेहपुर सीकरी से लडऩे से किया इनकार

समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद इस बार उत्साहित दिख रही बसपा प्रमुख मायावती को उनकी ही पार्टी की प्रत्याशी ने जोरदार झटका दिया है। मायावती के करीबी माने जाने वाले रामवीर उपाध्याय की पत्नी और आगरा की फतेहपुर सीकरी की पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय ने चुनाव लडऩे से इनकार कर बहन जी को झटका दिया है।

Anoop Ojha
Published on: 12 March 2019 6:48 AM GMT
मायावती को करारा झटका, रामवीर की पत्नी सीमा ने फतेहपुर सीकरी से लडऩे से किया इनकार
X

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद इस बार उत्साहित दिख रही बसपा प्रमुख मायावती को उनकी ही पार्टी की प्रत्याशी ने जोरदार झटका दिया है। मायावती के करीबी माने जाने वाले रामवीर उपाध्याय की पत्नी और आगरा की फतेहपुर सीकरी की पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय ने चुनाव लडऩे से इनकार कर बहन जी को झटका दिया है। काफी दिनों से चुनाव प्रचार में जुटीं सीमा उपाध्याय ने ऐन वक्त पर चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया है। सीमा को सबसे पहले प्रत्याशी घोषित करने वाली मायावती अब दूसरा प्रत्याशी तलाशने में जुटी हैं।

यह भी पढ़ें......योगी के मंत्री ने सपा-बसपा और कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- जनता को पता है असलियत

अलीगढ़ से चाहती थीं टिकट

जानकारों का कहना है कि मायावती ने भले ही सीमा को फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी घोषित कर दिया हो मगर वे अलीगढ़ सीट से चुनाव लडऩा चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने बहन जी से मांग भी की थी मगर बहन जी ने उन्हें अलीगढ़ से टिकट देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सीमा उपाध्याय ने फतेहपुर सीकरी से चुनाव लडऩे से ही इनकार कर दिया। बसपा इस सीट से नए प्रत्याशी के नाम का ऐलान एक-दो दिन में कर सकती है।

यह भी पढ़ें......सपा-बसपा गठबंधन की गणित खराब कर सकते हैं पूर्वांचल के ये कद्दावर नेता

टिकट देने से मायावती का इनकार

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से सीमा उपाध्याय के चुनाव लडऩे से इनकार के बाद बसपा में हडक़ंप मचा हुआ है। बसपा नेताओं के मुताबिक 9 मार्च को बसपा अध्यक्ष से पूर्व सांसद की मुलाकात हुई थी। उसमें उन्होंने अलीगढ़ की मांग की थी और सीकरी को कमजोर सीट बताया था। इस पर पार्टी नेतृत्व ने फटकारते हुए कहा कि अलीगढ़ में पार्टी प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं और सीकरी अगर कमजोर लगती है तो चुनाव न लड़ें।

यह भी पढ़ें......आतंकवाद से निपटने के लिए केंद्र सरकार नियम कानून बनाए: मायावती

2009 में जीत चुकी हैं चुनाव

सीमा उपाध्याय 2009 में फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र की पहली सांसद बनी थीं। 2014 में उन्हें भाजपा के चौधरी बाबूलाल के हाथों शिकस्त खानी पड़ी थी। इस बार भी सीमा उपाध्याय को तीन महीने पहले लोकसभा प्रभारी बनाकर चुनाव लडऩे को कहा गया था। उनके शास्त्रीपुरम स्थित निवास पर लगातार कार्यकर्ता सम्मेलन और चुनावी बैठकें भी हो रही थीं, लेकिन अचानक उनके चुनाव न लडऩे के ऐलान से बसपाई हैरत में हैं।

यह भी पढ़ें......पोस्टर में मायावती के बराबर अपनी फोटो नहीं लगा सकेंगे BSP नेता, प्रत्याशी

चुनावी समीकरण नहीं थे अनुकूल

बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सेक्टर प्रभारी सुनील कुमार चित्तौड़ ने कहा कि पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय ने पार्टी अध्यक्ष के सामने कुछ समस्याएं रखी थीं। इस पर उन्हें चुनाव न लडऩे को कहा गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द ही नए प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर देगी। दूसरी ओर सीमा उपाध्याय ने कहा कि सीमा फतेहपुर सीकरी के चुनावी समीकरण और परिस्थितियां हमें हमारे अनुकूल नहीं लग रहे थे, इसलिए मैंने चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया। हम बसपा में हैं और किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे दल में जाने की बात पूरी तरह अफवाह है। मैं बसपा में ही बनी रहूंगी।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story