×

बुंदेलखंड : अलग राज्य की मांग नहीं बन पायी प्रमुख दलों का चुनावी मुद्दा

उत्तर प्रदेश के सात और मध्य प्रदेश के छह जिलों में फैले बुंदेलखंड को अलग राज्य घोषित किए जाने की मांग करीब दो दशक से की जा रही है, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दलों की दिलचस्पी नहीं होने के कारण यह कभी चुनावी मुद्दा नहीं बन पायी।

Anoop Ojha
Published on: 2 April 2019 3:29 PM IST
बुंदेलखंड : अलग राज्य की मांग  नहीं बन पायी प्रमुख दलों का चुनावी मुद्दा
X

बांदा : उत्तर प्रदेश के सात और मध्य प्रदेश के छह जिलों में फैले बुंदेलखंड को अलग राज्य घोषित किए जाने की मांग करीब दो दशक से की जा रही है, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दलों की दिलचस्पी नहीं होने के कारण यह कभी चुनावी मुद्दा नहीं बन पायी।

लगभग 70 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले, दो करोड़ आबादी वाले इस क्षेत्र का दायरा उत्तर प्रदेश के बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी तथा ललितपुर जिले एवं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, पन्ना, सागर और दतिया तक विस्तृत है। प्राकृतिक संपदा से सम्पन्न होने के बाद भी यहां के हालत महाराष्ट्र के विदर्भ से भी भयावह हैं।

यह भी पढ़ें.....द्रमुक प्रमुख स्टालिन ने कहा, उनकी पार्टी नहीं है हिंदू विरोधी

अक्सर सूखाग्रस्त रहने वाले इस क्षेत्र में शुरू से ही किसानों की आत्महत्या एक बड़ा मुद्दा रहा है। करीब दो दशक से बुंदेलखंड को अलग राज्य घोषित करने की मांग की जा रही है। उत्तर प्रदेश के दायरे में आने वाले बुंदेलखण्ड के सात जिलों में चार लोकसभा सीटें और 19 विधानसभा सीटें हैं।

प्रमुख राजनीतिक दल चुनावी मौसम में तो बुंदेलखण्ड को अलग राज्य बनाने की मांग को प्रासंगिक बताते हैं, लेकिन अपने घोषणा पत्र में इसे चुनावी मुद्दा नहीं बनाते।

यह भी पढ़ें....Election: मुलायम की संपति में तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की हुई गिरावट

पृथक बुंदेलखंड की मांग अपनी जगह नहीं बना सकी

राजनीतिक विश्लेषक और वामपंथी विचारधारा के बुजुर्ग अधिवक्ता रणवीर सिंह चौहान कहते हैं कि सबसे पहले 1955 में गठित प्रथम राज्य पुनर्गठन आयोग ने बुंदेलखंड़ को पृथक राज्य का दर्जा दिए जाने की सिफारिश की थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

वह कहते हैं कि प्रमुख राजनीतिक दलों के एजेंडे में पृथक बुंदेलखंड की मांग अपनी जगह नहीं बना सकी। जबकि मात्र 37 लाख जनसंख्या और चार जिलों वाला त्रिपुरा आज राज्य बना हुआ है।

यह भी पढ़ें....पार्को में लगी हाथी की मूर्तियों को ढकने का आदेश अभी नहीं मिला: जिला प्रशासन

बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहे समाजसेवी तारा पाटकर का कहना है ‘‘पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उमा भारती ने बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने का वादा किया था, लेकिन केन्द्र में मंत्री होने के बाद भी उन्होंने कुछ नहीं किया।’’

वन संपदा और खनिज संपदा से करीब दस अरब रुपये के राजस्व का फायदा

बुंदेलखंड राज्य बनने के नफा और नुकसान के सवाल पर पाटकर कहते हैं ‘‘हर साल अकेले उत्तर प्रदेश सरकार को यहां की वन संपदा और खनिज संपदा से करीब दस अरब रुपये के राजस्व का फायदा होता है। अगर राज्य का दर्जा मिल गया तो खुद के संसाधन से बुंदेलखंड का किसान कर्ज मुक्त हो जाएगा। यहां एक भी औद्योगिक संस्थान या फैक्ट्रियां नहीं हैं जिससे बेरोजगारी बढ़ी है।’’

यह भी पढ़ें....पश्चिम बंगाल में सभी मतदान केन्द्र संवेदनशील नहीं: विशेष केन्द्रीय पुलिस पर्यवेक्षक

छोटे राज्यों में बांटने का एक प्रस्ताव केन्द्र सरकार दबाए बैठी है

बुंदेलखंड में बसपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गयाचरण दिनकर कहते हैं कि पार्टी मुखिया मायावती ने अपनी सरकार के अंतिम दिनों में उत्तर प्रदेश को चार छोटे राज्यों में बांटने का एक प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा था, लेकिन केन्द्र सरकार इसे दबाए बैठी है।

इसे अपने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किए जाने के सवाल पर दिनकर कहते हैं कि बसपा लोकसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ रही है। दोनों दल एक ही घोषणा पत्र तैयार करेंगे और जरूरी नहीं है कि छोटे राज्यों का शुरू से विरोध कर रही सपा इसके लिए राजी हो।

राजा बुंदेला ने 'बुंदेलखण्ड कांग्रेस' बनाकर इसी मुद्दे पर चुनाव भी लड़ा था

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के समय पृथक बुंदेलखंड की मांग को लेकर जोरदार अभियान चलाने वाले अभिनेता राजा बुंदेला ने 'बुंदेलखण्ड कांग्रेस' बनाकर इसी मुद्दे पर चुनाव भी लड़ा था। केन्द्र में भाजपा की अगुआई में सरकार बनने पर वह बुंदेलखंड को अलग राज्य घोषित करने की शर्त पर भाजपा में शामिल हुए थे। मगर अब वह इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहना चाहते।

यह भी पढ़ें....लोकसभा चुनाव : क्या दिल्ली में बीजेपी दोहरा पाएगी पिछला रिकार्ड प्रदर्शन

तीन से पांच अप्रैल तक बुंदेलखंड के चुनावी दौरे पर

कांग्रेस की प्रदेश कमेटी के संगठन मंत्री साकेत बिहारी मिश्र कहते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी छोटे राज्यों के पक्षधर हैं। बुंदेलखंड दौरे में उन्होंने इसका वादा भी किया।

लेकिन उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश की अलग-अलग दलों की सरकारों के हामी ना भरने के कारण केन्द्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार बुंदेलखंड को अलग राज्य नहीं घोषित कर पाई।

उन्होंने कहा ‘‘पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आगामी तीन से पांच अप्रैल तक बुंदेलखंड के चुनावी दौरे पर आ रही हैं। उनके समक्ष यह मांग रखी जाएगी।’’

(भाषा)



Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story