कविता : आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में बस हँसे, मुस्कुराएँ....

raghvendra
Published on: 29 Dec 2017 12:59 PM GMT
कविता : आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में बस हँसे, मुस्कुराएँ....
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आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में

बस हँसे, मुस्कुराएँ नए साल में

गीत गाते रहें, गुनगुनाते रहें

हैं ये शुभ-कामनाएं नए साल में

रेत, मिटटी के घर में बहुत रह लिए

घर दिलों में बनायें नए साल में

अब न बातें दिलों की दिलों में रहें

कुछ सुने, कुछ सुनाएँ नए साल में

जान देते हैं जो देश के वास्ते

गीत उनके ही गायें नए साल में

भूल हमको गए हैं जो पिछले बरस

हम उन्हें याद आयें नए साल में

-कुमार अनिल

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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