×

चीनी थिंक टैंक ने कहा- बलूचिस्तान में भारत ने दिया दखल तो पाक-चीन होंगे साथ

aman
By aman
Published on: 29 Aug 2016 3:12 PM IST
चीनी थिंक टैंक ने कहा- बलूचिस्तान में भारत ने दिया दखल तो पाक-चीन होंगे साथ
X
china, newstrack

बीजिंग: पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच आए दिन तनातनी की ख़बरें आती रही हैं। इसमें अब चीन ने भी अपनी मंशा जाहिर कर दी है। एक चीनी थिंक टैंक ने भारत को चेतावनी दी है कि 'यदि भारत के किसी षड्यंत्र ने बलूचिस्तान में 46 अरब डालर लागत की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को बाधित किया तो फिर चीन को मामले में दखल देना पड़ेगा।'

गौरतलब है कि 15 अगस्त को दिए भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने बलूचिस्तान का जिक्र किया था। इसके बाद से ही चीन के लिए यह चिंता का सबब बना हुआ है। ये बातें 'चीन इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेपरेरी इंटरनेशनल रिलेशंस (सीआईसीआईआर)' में इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एंड साउथईस्ट एशियन एंड ओशनियन स्टडीज के निदेशक हू शिशेंग ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कही।

ये भी पढ़ें ...यमन में सेना के प्रशिक्षण केंद्र पर आत्मघाती हमला, अब तक 60 की मौत

पीएम मोदी के भाषण ने बढ़ाई चिंता

चीन के रक्षा मंत्रालय से जुड़े इस थिंकटैंक के रिसर्चर ने बताया कि 'भारत का अमेरिका से बढ़ता सैन्य संबंध और दक्षिण चीन सागर पर इसके रुख में बदलाव चीन के लिए खतरे की घंटी है।' हू ने कहा, चीन के लिए चिंता का सबसे बड़ा कारण पीएम मोदी की लाल किले से दिया भाषण है, जिसमें उन्होंने बलूचिस्तान जैसे मुद्दों का जिक्र किया था।

भारत सरकार विरोधी तत्वों को दे सकता है हवा

हू शिशेंग ने कहा कि चीन को डर है कि भारत, बलूचिस्तान में सरकार विरोधी तत्वों को हवा दे सकता है। यहां चीन अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना सीपीईसी में 46 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है। भारत वही तरीका अपना सकता है जो उसके हिसाब से पाकिस्तान, भारत के मामलों में अपना रहा है। बलूचिस्तान, गिलगित-बाल्टिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में अलगाववादियों का साथ देने के कथित आरोप के संदर्भ में उन्होंने कहा 'ऐसा कोई षड्यंत्र अगर सीपीईसी को नुकसान पहुंचाएगा तो फिर चीन को दखल देना पड़ेगा।'

ये भी पढ़ें ...म्यांमार के प्रेसिडेंट ने पत्नी संग देखा ताजमहल, डायना सीट पर बैठ खिंचवाई फोटो

जिनजियांग से जुड़ेगा बलूचिस्तान

सीपीईसी के जरिए चीन का सबसे बड़ा राज्य, जिनजियांग बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह से जुड़ जाएगा। इस क्षेत्र में विद्रोहियों और अलगाववादियों का वर्चस्व है। भारत ने इस कॉरिडोर का विरोध किया है क्योंकि यह गिलगित-बाल्टिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है, जिस पर भारत अपना दावा करता है।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story