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पुण्यतिथि विशेष: शरारती अंदाज और रूमानी झटकों से जीता सबका दिल, कुछ ऐसे थे देव साहब!

कमल नयन चतुर्वेदी उर्फ विदुर मुंबई में अत्यंत प्रतिष्ठित विदुर एक्टिंग इंस्टीट्यूट के संस्थापक और निदेशक हैं, जहां से हिंदी सिनेमा को अबतक 40 सितारे मिल चुके हैं।

tiwarishalini
Published on: 3 Dec 2017 4:08 PM IST
पुण्यतिथि विशेष: शरारती अंदाज और रूमानी झटकों से जीता सबका दिल, कुछ ऐसे थे देव साहब!
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राघवेंद्र दुबे

कमल नयन चतुर्वेदी उर्फ विदुर मुंबई में अत्यंत प्रतिष्ठित विदुर एक्टिंग इंस्टीट्यूट के संस्थापक और निदेशक हैं, जहां से हिंदी सिनेमा को अबतक 40 सितारे मिल चुके हैं। आज देव साहब की पुण्यतिथि है। कहते हैं जिंदगी जब अपने तमाम पेशो - खम, रंगों , खुशबुओं , शरारत , शोखी , थोड़ी सी शराब , तल्खियों ,गम और ठहाकों से सराबोर आपके सामने खड़ी हो जाये , तो आप कह सकते हैं देवानंद आ गये। चौंका देने वाली उस कौंध के अलावा आज कुछ भी याद नहीं है।

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बात नब्बे के दशक की होगी। किसी संस्था ने देव साहब को सम्मानित करने के लिए लखनऊ आमंत्रित किया था और वह होटल ताज में रुके थे। शहर में उनकी मौजूदगी की खबर मुझे अपने मित्र अनिल कुमार यादव(आज अप्रतिम गद्यकार) से मिली। देर रात 10 बजे लखनऊ के उन रात्रिचर दिनों में मैं खुद में लहरों की करवट चांपे देव साहब से मिलने ताज होटल पहुंच गया था। मुझे रिशेप्सन पर मना कर दिया गया कि इस समय वह आराम कर रहे हैं , मुलाकात सुबह ही हो सकेगी।

मेरे बार - बार आग्रह के बाद रिशेप्सन के फोन से उनके कमरे वाले फोन की घण्टी बजायी गई । इत्तफाक से देव साहब ने फोन उठा लिया और मेरे कान में आवाज आई - हां, मैं देव आनंद बोल रहा हूं। कुलांचे भरते, थोड़ा खिंचे -खिंचे से लेकिन सरपट चाल इस छोटे से वाक्य में, दो या तीन ' पॉज ' गजब लचक के थे।

पलकों में किशोर कुमार के बिंदास आवाज की हरकत, रूमानी झटकों और थोड़ा तिरछी चाल में देव साहब के डायलॉग डिलवरी का एक खास अंदाज ही, उन्हें लीजेंड बना गया।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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