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दोहे: दीन दुखियों के लिए ईश्वर से प्रार्थना, ईश जीव में भेद यह...

raghvendra
Published on: 2 Dec 2017 2:09 PM IST

दीन दुखियों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

ईश जीव में भेद यह जिव माया लपटान।

माया ईश न मोहई मायापति भगवान।।

ईश जीव से है बड़ा कर उसको परनाम।

हाथ जोरि विनती करहुँ छोड़ मोह मद काम।।

सुख दुख दोनहुँ बंधु हैं हैं ईश्वर अधीन।

देवभह ईश्वर कर्म फल जो जस करनी कीन।।

हे जग करता सब दुख हरता तुम जग पालनहार।

किसी को अति सुख दीन्ह तुम किसी को दुख अपार।।

सुखियन को दुख में करत दुखियन को सुख देहु।

यह सब प्रभुता आप में तौ हमारि सुनि लेहु।।

है दीनन की विनय यह सुनिए दीनदयाल।

काटहु दुख जग दुखिन का जिन कृपाण कराल।।

है अपराधी तोर सब भूल कीन्ह तन पाय।

क्षमहु नाथ अपराध सब तुम बिनु कौन सहाय।।

तोर दीन्ह दुख तुम हरहु दुख नाशक तुव नाम।

लाख राज निज नाम की यही विनय वसु याम।।

सुखियन को यह उचित है लख दुखियन कर हाल।।

बनें सहायक दुखिन कर देकर धन तत्काल।।

है दुख सागर अगम यह तुम केवट बलवान।

पार करहुँ प्रभु दुखिन को तुव आशा रहमान।।

मुंशी रहमान खान



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raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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