TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

चुनाव से पहले पेट्रोल पम्पों की बरसात, दोगुनी हो जाएगी पम्पों की तादाद

raghvendra
Published on: 30 Nov 2018 7:19 AM GMT
चुनाव से पहले पेट्रोल पम्पों की बरसात, दोगुनी हो जाएगी पम्पों की तादाद
X
तेल में खेल: 4 पेट्रोल पंप मालिक समेत 23 अरेस्ट, अन्य आरोपियों की तलाश तेज

अंशुमान तिवारी

लखनऊ: एक ओर सरकार देश में डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की संख्या सीमित कर बैटरी चालित वाहनों को शीर्ष प्राथमिकता देने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम ने देश में ५५६४९ नए पम्प खोलने का एलान किया है। इससे देश में पेट्रोल पम्पों की तादाद दोगुनी हो जाएगी।

दुनिया भर में प्रदूषण और ट्रैफिक जाम से मुक्ति के उपाय ढू़ंढे जा रहे हैं और वैकल्पिक ऊर्जा पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में भारत में पेट्रोलियम की बिक्री बढ़ाने का फैसला हैरान करने वाला है। चार साल में पहली बार नए पम्प खोलने के विज्ञापन दिए गए हैं। दावा है कि नए पम्प खोलने से अगले पांच वर्षों में साढ़े पांच लाख अतिरिक्त नौकरियों का सृजन होगा। मुमकिन है कि अगले चुनाव में नौकरियों के सृजन के मुद्दे पर ये आंकड़े भी गिनाए जाएं।

मौजूदा समय में भारत में करीब ६३६७४ पम्प हैं और इनमें से ज्यादातर पब्लिक सेक्टर कंपनियों के हैं। प्राइवेट सेक्टर में सबसे ज्यादा पम्प (४८९५) न्यारा इनर्जी लिमिटेड (पहले इसका नाम एस्सार ऑयल था) के हैं। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के १४०० व रॉयल डच-शेल के ११६ पम्प हैं।

इंडियन ऑयल के देश में २७३७७ पम्प हैं। कंपनी ने २६९८२ और पम्प खोलने का विज्ञापन दिया है। भारत पेट्रोलियम के अभी १४५९२ पम्प हैं और अब १५८०२ पम्प और खोले जाएंगे। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के १५२८७ पम्प हैं व १२८६५ पम्प और खोलने का इरादा है। तीनों कंपनियों ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना व मिजोरम छोडक़र अन्य राज्यों के लिए पम्प खोलने के विज्ञापन दे दिए हैं। इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और यहां के बारे में विज्ञापन बाद में दिए जाएंगे। इन राज्यों में १० हजार पम्प खोले जा सकते हैं। अभी सिर्फ १७ फीसदी पम्पों के लिए आवेदन मांग गए हैं।

मांग बढऩे का दावा

तेल कंपनियों का तर्क है कि देश में ऊर्जा की जरूरतें बढ़ रही हैं। नेटवर्क में विस्तार की योजना पेट्रोल-डीजल की मांग में वृद्धि के अनुरूप बनाई गई है। दावा है कि पेट्रोल की मांग ८ फीसदी व डीजल की मांग ४ फीसदी सालाना की दर से बढ़ रही है। कंपनियों का ये भी कहना है कि प्रति पम्प मांग बढक़र औसत १७० किलोलीटर प्रतिदिन हो गई है। नए पम्प पूर्णतया ऑटोमेटेड होंगे।

केरल को नहीं चाहिए और पम्प

केरल सरकार ने कहा है कि उसे नए पम्प खोलने की योजना स्वीकार्य नहीं है और वो ये मसला केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगा। राज्य के पुरिवहन मंत्री के.ससीन्द्रन ने कहा कि इतनी बड़ी तादाद में पेट्रोल पम्प खोलने से प्रदूषण बढ़ेगा।

जब हम इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ाने की कोशिश में लगे हैं और सडक़ों पर पेट्रोल-डीजल वाहन कम करना चाहते हैं ऐसे में ढेरों नए पम्प खोलने का फैसला हैरान करने वाला है। केरल में अभी २००५ पेट्रोल पम्प हैं। राज्य के पेट्रोलियम डीलर भी नाखुश हैं। उनका कहना है कि पम्प का बिजनेस घाटे का काम हो गया है और नए पम्प तो आज की तुलना में ५० फीसदी बिजनेस भी नहीं कर पाएंगे।

आसान बनाए नियम

पम्प आवंटन की प्रक्रिया भी अब आसान कर दी गई है। आवेदक की शैक्षिक योग्यता १०वीं पास की गई है जबकि अभी तक ये १२वीं या ग्रेजुएट थी। आवेदन व अलॉटमेनट की प्रक्रिया भी पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है। जिनके पास जमीन नहीं है वो भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय ढेरों दस्तावेज लगाने की भी जरूरत नहीं है। ६० फीसदी नए पम्प डीलर मिल्कियत के होंगे और डीलर ही उन्हें चलायेंगे। ४० फीसदी पम्प कंपनी की मिल्कियत के होंगे व डीलर उन्हें चलाएंगे। डीलर मालिकाना पम्प का अवंटन लाटरी के जरिये तथा कंपनी वाले पम्प का आवंटन नीलामी के जरिए होगा।

raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

Next Story