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बिजली इंजीनियरों ने सभी राजनीतिक दलों को अपना मत स्पष्ट करने के लिए लिखा पत्र
निजीकरण के विरोध व पुरानी पेंशन बहाली के लिए ऑल इण्डिया पावर इन्जीनियर्स फेडरेशन ने भाजपा, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को पत्र भेजा है।
लखनऊ: निजीकरण के विरोध व पुरानी पेंशन बहाली के लिए ऑल इण्डिया पावर इन्जीनियर्स फेडरेशन ने भाजपा, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को पत्र भेजा है।
फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बृहस्पतिवार को बताया कि पत्र में बिजली के निजीकरण की नीति से हो रहे भारी नुकसान और महंगी बिजली की मार के साथ ही पुरानी पेंशन बहाली और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है।
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शैलेन्द्र ने बताया कि बिजली फेडरेशन ने मांग की है कि राजनीतिक दल एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट 2003 की समीक्षा करें, साथ ही निजीकरण के लिए किये जाने वाले संशोधन और विशेषतया इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2014 /2018 को पूरी तरह समाप्त करने पर विचार करें ।
उच्च स्तरीय समिति का मुख्य उद्देश्य बिजली निगमों का एकीकरण कर बिजली बोर्ड निगम का पुनर्गठन करना होगा, जिसमें बिजली उत्पादन , पारेषण और वितरण एक साथ हों।
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उन्होनें कहा कि बिजली कर्मचारियों के हितों से जुड़े मुद्दों को राजनीतिक दल अपने चुनाव घोषणापत्र में शामिल करें। फेडरेशन ने यह भी लिखा है कि ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और पुरानी पेंशन बहाली का वादा भी सभी राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में करें, जिससे समय रहते देश के 25 लाख बिजली कर्मी और उनके परिवार यह निर्णय कर सकें कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें वोट दें या न दें।