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पंजाब के चुनाव कंपेन से 'गुरु' गायब, उठ रहे हैं तरह-तरह के सवाल
वहीं पार्टी का कहना है कि सिद्धू का चुनाव प्रचार 13 मई के बाद से शुरू होगा। वो स्टार प्रचारक हैं और पार्टी हाईकमान ने उन्हें अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंप रखी है।
अमृतसर: जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे -वैसे पंजाब का सियासी तापमान भी चढ़ने लगा है। पंजाब की 13 लोक सभा सीटों पर 19 मई को अंतिम चरण में मतदान होने वाले हैं।
इस चुनावी रणभूमि में एक तरफ पटियाला से जहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर की प्रतिष्ठा दांव पर है , वहीं बठिंडा से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल पर अपनी सीट बचाने की चुनौती है। दूसरी ओर फिरोजपुर से शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल खुद चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें अपने ही चेले शेर सिंह धुबाया की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं गुरदासपुर से कांग्रेस सांसद और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को भाजपा प्रत्याशी सनी देयोल चुनौती दे रहे हैं।
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लेकिन सब गहमागहमी के बीच कांग्रेस के स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू का पंजाब से गायब होना कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है। क्योंकि लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद से ही सिद्धू ने पंजाब में एक भी चुनावी रैली नहीं की है। परनीत कौर, मनीष तिवारी, सुनील जाखड़ सहित प्रदेश में कांग्रेस के कई दिग्गजों की पतिष्ठा दावं पर है। कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद अपनी पत्नी परनीत कौर के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखे हैं। ऐसे में पंजाब में 'सिद्ध वाणि' का सुनाई न देना तो कई तरह के सवाल खड़े करेंगे ही।
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विपक्ष को तो छोडि़ए खुद कांग्रेस के अंदर ही नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कई तरह के बयान आ रहे हैं। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस नहीं चाहती की सिद्धू पंजाब में चुनाव कंपेन चलाएं। क्योंकि सिद्धू के बड़बोलेपन के कारण कई बार पार्टी को मुसिबत में डाल दिया है। चुनाव अपने अंतिम चरण में हैं। ऐसे में पार्टी फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। वहीं पार्टी का कहना है कि सिद्धू का चुनाव प्रचार 13 मई के बाद से शुरू होगा। वो स्टार प्रचारक हैं और पार्टी हाईकमान ने उन्हें अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंप रखी है।
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