गज़ल सी मिली वो मिरी जिंदगी से, मुझे  प्यार  होने लगा शायरी  से

raghvendra
Published on: 4 Aug 2018 7:28 AM GMT
गज़ल सी मिली वो मिरी जिंदगी से, मुझे  प्यार  होने लगा शायरी  से
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आरती आलोक वर्मा

गज़ल सी मिली वो मिरी जिंदगी से

मुझे प्यार होने लगा शायरी से ।।

मिला है वफा का मुझे चांद जब से

नहीं अब शिकायत रही चांदनी से ।।

जमाना उसे क्यों न ठोकर लगाये

मिली चोट जिसको यहाँ मुफलिसी से।।

कभी फेर ली थी किसी ने निगाहें

वही आज मिलने लगा है खुशी से ।।

जिसे मय पिलायें तुम्हारी निगाहें

रखे वास्ता क्यों भला मयकशी से।।

खतावार हो गर नहीं तुम कहीं तो

सुनो ‘आरती’ तुम न डरना किसी से ।।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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