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लंबी बीमारी के बाद हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक की मौत, तालिबान ने की पुष्टि

Aditya Mishra
Published on: 4 Sep 2018 9:35 AM GMT
लंबी बीमारी के बाद हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक की मौत, तालिबान ने की पुष्टि
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काबुल: कुख्यात आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई है। अफगान तालिबान ने मंगलवार को 79 साल के जलालुद्दीन की मौत की घोषणा की। अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के दौरान जलालुद्दीन मंत्री भी रहा था। हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान के सबसे खूंखार आतंकी संगठनों में गिना जाता है।

फिलहाल इस संगठन का सरगना जलालुद्दीन का बेटा सिराजुद्दीन हक्कानी है। वह तालिबान का डिप्टी सरगना भी है। हक्कानी नेटवर्क से जुड़े तालिबान ने ट्विटर पर जारी बयान में जलालुद्दीन को इस युग का बड़ा जिहादी करार दिया है। बीती सदी के आठवें दशक में हक्कानी ने अमेरिका और पाकिस्तान की मदद से अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ मुकाबला किया था। उसने अपने संगठन के जरिये दहशत फैलाई और अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए का ध्यान अपनी ओर खींचा था।

अमेरिकी सांसद चार्ली विल्सन ने उससे मुलाकात भी की थी। अरबी बोलने वाले जलालुद्दीन का ओसामा बिन लादेन समेत अरब आतंकियों के साथ करीबी संबंध थे। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि उसकी मौत कब और कहां हुई? हाल के सालों में उसके मरने की कई बार खबरें आई थीं। उसने कई साल पहले ही अपने बेटे को हक्कानी नेटवर्क की कमान सौंप दी थी। अफगानिस्तान में हुए कई बड़े आतंकी हमलों के लिए हक्कानी नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया जाता है। राजधानी काबुल में हालिया हमलों के पीछे भी इसी आतंकी संगठन का हाथ माना जाता है।

पाकिस्तानी सेना से जुड़ाव का शक

लंबे समय से संदेह जताया जाता है कि हक्कानी नेटवर्क का जुड़ाव पाकिस्तान की सेना से है। साल 2011 में अमेरिकी एडमिरल माइक मुलेन ने हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का एक वास्तविक हाथ करार दिया था।

पाक के वजीरिस्तान में है ठिकाना

अमेरिका और अफगान अधिकारियों का कहना है कि हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान क्षेत्र से संचालित किया जाता है। इसमें उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की मदद भी मिलती है। इन आरोपों से हालांकि पाकिस्तान इन्कार करता है।

आत्मघाती हमलों के लिए कुख्यात

- बीती सदी के सातवें दशक में जलालुद्दीन हक्कानी ने आतंकी संगठन खड़ा किया

-हक्कानी नेटवर्क पहले सोवियत संघ से लड़ा और अब तालिबान के साथ अमेरिकी और नाटो बलों से लड़ रहा है

-अमेरिका ने हमला कर साल 2001 में अफगानिस्तान में तालिबान को अपदस्थ किया था

-अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन घोषित हक्कानी नेटवर्क आत्मघाती हमलों के लिए कुख्यात है

-मई, 2017 में काबुल में हुए आत्मघाती हमले में 150 लोगों की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया था

-उसने कनाडा के जोशुआ बोयले, उनकी अमेरिकी पत्नी कैटलन कोलमैन और तीन बच्चों को कई साल तक बंधक रखा था।

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Aditya Mishra

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