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तरानों के साथ हर्षित, सचेत और इत्तिदा ने दिखाया UP का TALENT
लखनऊ: लखनऊ महोत्सव की नौवीं शाम 'टैलेंट्स ऑफ़ यूपी' के नाम रहा। इस शाम को अपनी गायकी से रंगीन किया 'वॉइस ऑफ़ इंडिया' फेम हर्षित सक्सेना, सचेत टंडन और इत्तीदा ने। गायकों ने एक से एक गाने गाकर वहां मौजूद लोगों को अपना मुरीद बनाया। कार्यक्रम की शुरुआत हर्षित सक्सेना ने 'एक हसीना थी...' गाने से की फिर फ़ना फिल्म के 'चांद सिफारिश जो करता...' से प्रोग्राम में गर्मजोशी भरा। इसके बाद अपनी मदमस्त आवाज में उन्होंने 'खाइके पान बनारस वाला', 'याद आ रहा है' और 'सारा जमाना' सुनाकर सबका दिल जीत लिया। बाद में उन्होंने 'चल बेटा सेल्फ़ी ले-ले रे... ' और 'बीड़ी जलइले' भी गाया।
इत्तिदा ने भी बांधा समां
लखनऊ में जन्मी और अमेरिका में रह रही गायिका इत्तिदा के बैंड देश-परदेश की प्रस्तुतियों का कारवां शुरू हुआ। इत्तिदा ने लोक, सूफी और शास्त्रीय का मिश्रण पेश किया। फ़िल्मी गीतों में 'हमरी अटरिया पे', बन्नो तेरी अंखियां..' जैसे गानों पर परफॉर्म किया। बाद में इत्तिदा के गानों पर लोग उठकर जाने लगे, तो उनके बैंड ने आगे की कमान थामी और दर्शकों को बांधे रखा।
सचेत का दिखा जलवा
बैंड की प्रस्तुतियों के बाद 'द वॉइस' रियलिटी शो फेम सचेत टंडन ने मंच संभाला, तो एक बार फिर माहौल में गर्मजोशी दिखी। सचेत ने 'तेरी मेरी कहानी है बारिशों का पानी' गाने से अपनी प्रस्तुति दी। इसके बाद उन्होंने हिमेश रेशमियां के गाने गाए। बाद में उन्होंने कैलाश खेर के गाए 'तेरी दीवानी' और कमीने फिल्म का 'धेन धानं' गाने गाये। अपनी परफॉर्मेंस से सचेत ने लोगों को बांधे रखने में कामयाबी पाई। ऑडियंस के बीच जाकर सचेत ने 'हमें तो लूट लिया मिलके हुस्न वालों ने ...', ए मेरी जोहरा जबीं..' और अंत में 'झूम बराबर झूम...' गाने भी सुनाए।
बदसलूकी के लिए भी याद रहेगा ये महोत्सव
इस साल का लखनऊ महोत्सव कलाकारों के साथ बदसलूकी के लिए भी याद किया जाएगा। इत्तिदा के परफॉर्मेंस के बीच में ही एंकर ने उन्हें मंच से वापस बुला लिया लेकिन इत्तिदा ने मंच नहीं छोड़ा। उन्होंने मंच से जाने से इंकार करते हुए दो और गाने की बात कही। इस दौरान एंकर और इत्तिदा के बीच गरमा-गरम बहस भी हुआ। बहस इतनी बढ़ी कि एक समय मंच का लाइट ऑफ कर माइक बंद कर दिया गया। फिर किसी तरह पूरे शो को संभाला गया। इस दौरान कई दर्शक उठकर चले गए।
मिमिक्री सहित अन्य प्रस्तुतियां भी रही खास
महोत्सव में गुरुवार शाम भास्कर सिंह राणा ने अपनी मिमिक्री से लोगों को बांधे रखा। ऑडियंस ने डॉ.राजखुशी राम के पखावज वादन को भी खूब सराहा। वहीं बसंत सिन्हा के ग्रुप ने मणिपुरी नृत्य प्रस्तुत किया। स्वर बैंड के हर्षित कुमार मिश्रा ने 'तू ही हकीकत ख्वाब तू' पर प्रस्तुति दी।
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