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हरियाणा में सियासी माहौल गरमाया, दिग्गजों के वारिसों की जंग

raghvendra
Published on: 26 April 2019 8:20 AM GMT
हरियाणा में सियासी माहौल गरमाया, दिग्गजों के वारिसों की जंग
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चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव में इस बार हरियाणा में अलग ही रंग दिख रहा है। राज्य में सियासी गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। राज्य में लोकसभा की दस सीटें हैं और भाजपा व कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इस बीच केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने अपने आईएएस बेटे के लिए इस्तीफा दे दिया जिसके बाद राज्य का राजनीतिक पारा चढ़ गया है। वैसे राज्य के चुनावी माहौल से साफ है कि राज्य के राजनीतिक दिग्गजों के वारिसों की जंग ने मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है। राज्य में इस बार का चुनाव देवीलाल के पड़पोते दुष्यंत चौटाला, पोते अभय चौटाला, बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी, छोटू राम के नाती व बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह और भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई का राजनीतिक भविष्य तय करेगा।

केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह अपने आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह की राजनीति में एंट्री कराने के लिए पद से इस्तीफा देकर सुर्खियों में आए तो ताऊ देवीलाल के खानदान के दो बड़े चिराग अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला के आमने-सामने डटने से यहां की सियासी जमीन गरमा गई है। हरियाणा में देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के राजनीतिक वारिस एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंकने को तैयार हैं।

आप व जेजेपी ने किया गठबंधन

हरियाणा में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए आम आदमी पार्टी और जननायक जनता पार्टी ने गठबंधन कर लिया है। दस सीटों में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप तीन तथा देवीलाल के पड़पोते सांसद दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी सात लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। गठबंधन की कोशिश थी कि किसी तरह भाजपा के विरुद्ध महागठबंधन तैयार कर कांग्रेस को भी इसमें शामिल कर लिया जाए मगर यह कोशिश नाकाम रही।

राज्य में बसपा और भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी के नेतृत्व वाली लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी पहले ही हाथ मिला चुकी हैं। दलित व ओबीसी का यह गठजोड़ दूसरे दलों की चिंता बढ़ाने वाला हो सकता है, लेकिन बसपा के हाथी की चाल टेढ़ी होने के कारण लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के रुख को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसके जेजेपी के साथ जाने की संभावना बनी हुई है। दूसरे दल इस पर नजर बनाए हुए हैं।

भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत

भाजपा ने राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने दो केंद्रीय मंत्रियों कृष्णपाल गुर्जर पर फरीदाबाद में और राव इंद्रजीत पर गुरुग्राम में फिर से दांव खेला है। पार्टी ने कांग्रेस की पृष्ठभूमि वाले पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा को रोहतक में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के विरुद्ध प्रत्याशी बनाकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। बीरेन्द्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को हरियाणा में नया चेहरा माना जा रहा है। पार्टी ने उन्हें हिसार से चुनाव मैदान में उतारकर विरोधियों को चौंका दिया है।

मैदान में उतरे कई वारिस

राज्य के चुनावी रण की खासियत यह है कि देवीलाल, भजनलाल और बंसीलाल के खानदान के राजनीतिक वारिस चुनाव लड़ रहे हैं। देवीलाल के परिवार की जंग अब घर की चहारदीवारी से बाहर निकलकर मीडिया में सुर्खियां बन चुकी है। देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने अपनी राजनीतिक विरासत छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला को सौंप रखी है। दूसरी ओर चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह और पोते दुष्यंत चौटाला अलग सुर अलाप रहे हैं। इन दोनों ने अलग जननायक जनता पार्टी बना ली है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती पूर्व सांसद श्रुति चौधरी भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं। उन्हें कांग्रेस ने भिवानी-महेंद्रगढ़ से चुनाव मैदान में उतारा है। उनकी मां किरण चौधरी कांग्रेस विधायक दल की नेता हैं। बंसीलाल के परिवार की राजनीतिक लड़ाई भी किसी से छिपी नहीं है, लेकिन लंबे अरसे बाद यह पहला मौका होगा जब श्रुति को अपने ताऊ रणबीर महेंद्रा और फूफा सोमवार सिंह का समर्थन मिल रहा है।

हरियाणा में किसी जमाने में बड़ी राजनीतिक ताकत माने जाने वाले भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई हिसार संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं। गैर जाटों की राजनीति करने वाले कुलदीप बिश्नोई ने पिछले दिनों जाट नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नेतृत्व स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया था। कुलदीप इस बार अपने बेटे भव्य बिश्नोई की लांचिंग करा रहे हैं। वह पिछले दिनों विदेश में इलाज कराकर लौटे हैं। अपने बेटे की लांचिंग के लिए उन्होंने हिसार को चुना है। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से बात कर अपने बेटे भव्य को टिकट दिलाने में कामयाबी हासिल कर ली। अपने बेटे को टिकट दिलाकर उन्होंने अपनी ताकत भी दिखाई है। हिसार में भव्य को टिकट मिलने से यहां मुकाबला रोचक हो गया है। अब हिसार में जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला, भाजपा के बृजेंद्र सिंह और कांग्रेस के भव्य बिश्नोई ताल ठोंकेंगे।

हुड्डा व उनके बेटे को मिला टिकट

कांग्रेस ने सोनीपत लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनाव मैदान में उतारा है। हुड्डा की लोकसभा चुनाव लडऩे की इच्छा नहीं थी, लेकिन टिकट का फैसला उन्होंने कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ रखा था। हुड्डा के उतरने से सोनीपत में अब मुकाबला कड़ा हो गया है। यहां हुड्डा के उतरने से भाजपा के मौजूदा सांसद एवं उम्मीदवार रमेश कौशिक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह पहला मौका है, जब हरियाणा में पिता भूपेंद्र हुड्डा सोनीपत में और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक में एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। फरीदाबाद के उम्मीदवार ललित नागर का टिकट काट दिया गया है। टिकट के भरोसे पर भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए अवतार सिंह भड़ाना अब ललित नागर की जगह फरीदाबाद से चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस ने कुरुक्षेत्र से पूर्व मंत्री चौ. निर्मल सिंह को टिकट दिया है। पूर्व सांसद नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से चुनाव लडऩे से इनकार कर चुके थे। उन्हें मनाने की आखिर तक कोशिश होती रही, मगर जिंदल चुनाव लडऩे के लिए तैयार नहीं हुए। आखिरकार कांग्रेस हाईकमान ने यहां से हुड्डा समर्थक निर्मल सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट से पूर्व विधानसभा स्पीकर एवं कांग्रेस विधायक कुलदीप शर्मा को टिकट दिया है। कुलदीप शर्मा भी अपने बेटे चाणक्य के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन हाईकमान ने उनके बेटे की बजाय कुलदीप शर्मा पर ही दांव लगाना उचित समझा। कांग्रेस ने अंबाला से कु. शैलजा, करनाल से कुलदीप शर्मा, गुरुग्राम से कैप्टन अजय यादव, भिवानी-महेंद्रगढ़ से श्रुति चौधरी व सिरसा से डा.अशोक तंवर को चुनाव मैदान में उतारा है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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