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लोकसभा चुनाव में अब पिछड़ों को साध कर आगे बढ़ने में जुटे सभी दल 

लोकसभा चुनाव अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है। चुनावी कुरूक्षेत्र के इस सातवें द्वार को भेदने के लिए सभी दलों में पिछड़ों का मसीहा बनने की प्रतियोगता चल रही है।

Aditya Mishra
Published on: 16 May 2019 4:46 PM GMT
लोकसभा चुनाव में अब पिछड़ों को साध कर आगे बढ़ने में जुटे सभी दल 
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ। लोकसभा चुनाव अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है। चुनावी कुरूक्षेत्र के इस सातवें द्वार को भेदने के लिए सभी दलों में पिछड़ों का मसीहा बनने की प्रतियोगता चल रही है। पिछड़ों का वोट हासिल करने की इस लड़ाई में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा-बसपा व रालोद गठबंधन के बीच है। दोनो ही तरफ से खुद को असली पिछडा हितैषी और दूसरे को नकली साबित करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।

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दरअसल, सातवें चरण में जिन 13 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है, उनमे दो सीटे बांसगांव और राबटर्सगंज सुरक्षित है। इन सभी सीटों पर करीब 40 फीसदी पिछड़ी जाति के मतदाता है। सभी दलों को यह मालूम है कि अंतिम चरण की इन सीटों पर उनकी नैया बिना पिछड़ा वर्ग को साधे नहीं पार नहीं लग पायेगी। इस समीकरण को ध्यान में रखते हुए ही इन सीटों पर सभी दलों ने अधिकतर पिछडे़ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।

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दो सुरक्षित सीटों के अलावा शेष 11 सीटों पर भाजपा ने चार पिछड़े जाति के प्रत्याशी मैदान में उतारे है तो गठबंधन ने सात पिछड़े जाति के प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। जबकि कांग्रेस तीन पिछड़े जाति के प्रत्याशियों को लड़ा रही है। पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखे तो यह सभी सीटें भाजपा के खाते में गयी थी। लिहाजा इन सीटों पर अब सब कुछ दांव पर भाजपा का ही लगा हुआ है और किसी दल के पास खोने के लिए कुछ नहीं है।

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इस चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनमे महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और दो सुरक्षित सीटे राबटर्सगंज व बांसगांव शामिल है। भाजपा ने जिन पिछड़ी जाति के प्रत्याशियों पर दांव लगाया है उनमे रवींद्र कुशवाहा, हरिनारायण राजभर, अनुप्रिया पटेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल है। भाजपा को भरोसा है कि प्रधानमंत्री मोदी की छवि और पिछड़ी जाति से होने के कारण उसे यहां पिछड़ों को अपने पक्ष में लाने में सफलता मिलेगी।

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इन 13 लोकसभा सीटों पर पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा नौ सीटों पर दूसरे स्थान पर थी। जबकि सपा दो और कांग्रेस व आम आदमी पार्टी एक-एक सीट पर नंबर दो पर रही थी।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

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