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आज भी है रहस्य: केरल में हुई थी लाल बारिश, एक गांव में जाना है मना!
लखनऊ: मनुष्यों को इनवेस्टगेटिव चीजें हमेशा से रोमांचित करती रही है और अनजान को जानने का उसका पुराना शौक रहा है। इंडिया में कई तरह के कल्चर देखने को मिलते है। यहां कई ऐसी जगहें भी है जो देखने खूबसूरत होने के साथ रहस्यमयी किस्से-कहानियों से भी जुड़े हुए हैं। अगर आप घुमने के शौकिन है, नई-नई जगहों पर जाने की इच्छा रखते है तो इन जगहों पर जरूर जाइए, आप रोमांच के साथ ज्ञान का भंडार भी लाएंगे। हम आपको इंडिया की कुछ ऐसी ही रहस्यमयी जगहों के बारे में बताएंगे तो किस्से -कहानियों से लैस होने के साथ खूबसूरत भी है।
गंगा-ब्रह्मपुत्र का डेल्टा
गंगा-ब्रह्मपुत्र के डेल्टा से आवाज (मिस्टपौफर्स, बैरिसल बंदूकें)
गंगा-ब्रह्मपुत्र के इलाकों में नदियों के बीच और किनारों पर घर्षण की आवाज सुनी जा सकती है। जिसे सुनने पर रोमांच पैदा होता है। ऐसा लगता है कि सपरसोनिक जेट आस-पास उड़ रहे है। अलग- अलग लोगों ने इसके पीछे भूकंप ,मिट्टी के तुफान, सूनामी, उल्कापिंडों और हवाई गुब्बारों को इसकी वजह बताया गया है। खोजकर्ता आज भी इन आवाजों के पीछे परेशान रहते है। अगर आप भी सुनना चाहते है इन आवाजों को एक बार इन इलाकों की सैर कर रोमांच और सस्पेंस का लुत्फ जरूर उठाइए।
बंगाल का दलदल
अलेया प्रेत रोशनी
बंगाल के दलदल नाम से प्रसिद्ध इस इलाके कई नाम है। अलेया रोशनी और दलदली रोशनी के भी जाना जाता है। पश्चिम बंगाल के मछुआरे के बीच ये जगह बहुत चर्चित है। कहा जाता है कि इन रोशनियों की ओर आकर्षित होकर जाने वाले मछुआरे दलदलों के बीच फंस कर रह जाते है। कई बार ये रोशनियां लोगों को आने वाले खतरे से भी सचेत करती है।
जतिंगा
जातिंगा
आसाम के दिमा हसाओ जिले के जतिंगा गांव में आने वाले पक्षी खुद की जान लिए बगैर यहां से वापस नहीं लौटते, और इसकी भयानकता सितंबर से अक्टूबर के बीच की अमावस्या को देखने को मिलती है। इस दिन शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच अपनी जान दे देते हैं। ये सामूहिक आत्महत्याएं जो ना जाने कब से चली आ रही है। टेक्नेलॉजि में इतना आगे होने के बाद अब तक कोई भी रहस्य की इस गुत्थी को सुलझा नहीं पाया हैं। सुनने में ही आपके ये खबर अजीबोगरीब लगे, लेकिन ये बिल्कुल सच है। आप खुद जाकर इस रहस्य को देख सकते है।
इंडो चाइनिज
इंडो-चाइनिज यू.एफ.ओ.बेस
हिमालय के अक्साई चीन के नजदीक "कोंगका ला पास" इंडो-चाइनिज विवादित स्थान के पास है। इंडियंस इस जगह को लद्दाख और चाइनिज इसे अक्साई चीन के नाम से जानते है। पूरी दुनिया में इसे निर्जन जगह के नाम से जाना जाता है। इस इलाके में कोई पैट्रोलिंग नहीं होती है। इलाके में रहने वाले लोग कहते है कि यहां यू एफ ओ बेस है जिसकी जानकारी और परमिट होने के बाद भी यहां टूरिस्ट जाने पर पाबंदी है।
रूपकुंड
रूपकुंड झील
ये झील उत्तराखंड में है। ये झील एक ग्लेसियर की मदद से बनी झील है। 1942 में यहां ड्यूटी पर तैनात गार्ड कंकालों के ढेर पर गिर पड़ा। समय के साथ-साथ कई खोजकर्ताओं ने पूरी कोशिश की कि वे इन कंकालों की गुत्थियों को सुलझा सकें,लेकिन अब तक सफल नहीं हो सके। ऐसा कहा जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानी सैनिकों के कंकाल, तो कश्मीर के जनरल जोरावर सिंह और उसके आदमियों की कंकालें भी यहीं है।कार्बन डेटिंग के अनुसार ये कंकाले 12वीं से 15वीं सदी के बीच की बताई जाती हैं। मगर आज भी इनके पीछे की सही वजहों का पता नहीं चल सका है।
हिमालय पर्वत
हिमालय पर्वत
हिमालय देखने में जितना खूबसूरत है। उससे उतनी रोमांचक और रहस्य से भरी कहानियां भी जुड़ी हुईं है। कहा जाता है कि हिमालय में जगह-जगह पर ‘यति’ और अमरत्व प्राप्त कर चुके जीव रहते हैं। यहां हिममानव भी रहते हैं जो तिब्बत और नेपाल के इलाके में अक्सर देखे जाते हैं। पर्वतारोहियों ने यहां लाल हिम वर्षा को भी देखा है। यहां ठंड में भी ध्यानमग्न योगियों को देखा जा सकता है, जो किसी आश्चर्य से कम नहीं। कहते है हिमालय के दर्रों और कंदराओं में न जाने कितने लोग अपनी जानें गंवा चुके हैं, और यहां के सुरक्षा के लिए तैनात सैनिकों ने भी कई बार अजीबोगरीब आकृतियां देखी हैं।
केरल की लाल बारिश
केरल की लाल बारिश
लोग कहते है कि केरल के उत्तरी भाग में कोट्टयम और इदुक्की जिले में खून की बारिश हुई थी। ये घटना 25 जुलाई से 23 सितम्बर 2001 में देखा गया। अब तक कई बार ऐसी बारिश इन इलाकों में हो चुकी हैं। इस बारिश पर जब महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इसका संज्ञान लिया तब मीडिया की नजर इसपर पड़ी। पहले इसकी वजह गिरते उल्का पिंडों को बताया गया। रिसर्च के बाद पता चला कि यहां के पेड़ों, पहाड़ों में ऐल्जी की अधिकता है जो लाल बारिश का कारण हो सकते हैं।
बन्नी ग्रासलैंड
बन्नी ग्रासलैंड
बन्नी ग्रासलैंड के नाम से प्रसिद्ध ये इलाका गुजरात के कच्छ रेगिस्तान के सुदूर दक्षिण में स्थित है। ये एक मौसमी ग्रासलैंड है जो हर साल मॉनसून के दिनों में बन जाता है। रात के समय यहां लोग अजीबोगरीब डांस लाइट्स भी देखने का जिक्र करते हैं, जिन्हें लोग 'चीर बत्ती' के नाम से जानते हैं। "चीर बत्ती" को लेकर लोगों का कहना है कि ये कभी तीर के रफ्तार से भागती नजर आती है तो कभी बिल्कुल ही एक जगह पर खड़ी रहती है। ज्यादातर लोग ऐसा नजारा कई पीढ़ी से देखते आ रहे हैं। कई लोग तो यहां तक कहते हैं कि ये रोशनियां पीछा भी करती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन दलदली मैदानों से निकलने वाली मिथेन गैस का ऑक्सिडेशन भी इसकी एक वजह हो सकती है।
कुलधारा राजस्थान
राजस्थान का प्रेत शहर
राजस्थान के जैसलमेर जिले में कुलधारा गांव है , इसे प्रेेत शहर भी कहते है। 1800के आस-पास यहां के लोग कहीं चले गए। इस गांव को श्रापित माना जाता है। आजके समय में गांव में कोई नहीं रहता,लेकिन एक समय ऐसा था जब यहां लोग बहुत संख्या में रहते थे, ये जगह पालिवाल ब्राह्मणों के द्वारा बसाया गया बेहद सम्पन्न गांव था।यहां के बारे में कहानियां प्रचलित है कि सालिम सिंह नाम का एक मंत्री था जिसका दिल पालिवाल ब्राह्मणों के मुखिया की लड़की पर आ गया। सालिम सिंह उससे शादी करना चाहता था, शादी न करने पर उन्हें ज्यादा टैक्स का डर दिखाया, लेकिन पालिवाल ब्राह्मण भी नहीं माने। 1825 को रात में इस गांव के मुखिया समेत 83 लोग यहां से कभी न लौटने के लिए पलायन कर गए, जिसके बाद उनमें से किसी को भी कभी नहीं देखा गया, और तब से ही इस गांव में कोई नहीं रहता।