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भर दो झोली... पर झूमे श्रोता, लेबुआ और रूमी फाउंडेशन ने सजाई संगीतमई शाम

राजधानी के पाश इलाके माल एवेन्यू स्थित लेबुआ में ''भर दो झोली...''कव्वाली पर श्रोता झूम उठे। कव्वालियों में दम दम मस्त कलंदर, ताजदार-ए-हरम आदि पर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। सूफी संगीत अपने प्रिय तक पहुंचने का सशक्त माध्यम है। बुधवार को श्रोता भी इसके साक्षी बने और सूफी संगीत को सराहा। 

Rishi
Published on: 16 Jan 2019 10:02 PM IST
भर दो झोली... पर झूमे श्रोता, लेबुआ और रूमी फाउंडेशन ने सजाई संगीतमई शाम
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लखनऊ : राजधानी के पाश इलाके माल एवेन्यू स्थित लेबुआ में ''भर दो झोली...''कव्वाली पर श्रोता झूम उठे। कव्वालियों में दम दम मस्त कलंदर, ताजदार-ए-हरम आदि पर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। सूफी संगीत अपने प्रिय तक पहुंचने का सशक्त माध्यम है। बुधवार को श्रोता भी इसके साक्षी बने और सूफी संगीत को सराहा।

लेबुआ लखनऊ और रूमी फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से यह सूफी संगीतमयी शाम सजाई थी। सूफी संगीत में अपने प्रिय को पाने की तड़प को भावनात्मक रूप से जाहिर किया गया। जिसने श्रोताओं को उत्साह से लबरेज कर दिया। दरअसल, संगीत की इस विधा में परम प्रिय तक पहुँचने के लिए संगीत और कविता को शक्तिशाली माध्यम माना जाता है। रामपुर से आए सामी नियाज़ी एंड पार्टी ने मौजूद लोगों की खूब वाहवाही लूटी। दरअसल, लेबुआ में 20 वीं शताब्दी में वास्तुकला की कला डेको शैली को संजोया गया है। इसी पृष्ठभूमि में संगीतमयी शाम चल रही थी। राजधानी में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के मकसद से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आगामी दिनों में लेबुआ लखनऊ कला और संस्कृति से जुड़े अन्य कार्यक्रमों की भी मेजबानी करेगा। ताकि राजधानी में कला और संस्कृति को बढावा मिल सके।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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