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महाराष्ट्र: किसानों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, हिंसा की छिटपुट वारदातें
मुंबई: महाराष्ट्र के किसान अपनी मांगों को लेकर गुरुवार (01 जून) से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। किसान लंबे समय से अटके कर्जमाफी पैकेज सहित विभिन्न मांगों के लिए हड़ताल पर हैं। स्वाभिमानी सेतकरी संगठन के नेता और सांसद राजू शेट्टी ने कहा, कि 'यदि यह हड़ताल कुछ दिनों तक रही, तो मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर और अन्य शहरों में दूध, ताजी सब्जियों, खाद्यान्नों और दैनिक इस्तेमाल की चीजों की कमी हो जाएगी।
हड़ताल कर रहे किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें री नहीं की जाती, वे कृषि संबंधी गतिविधियों से दूर रहेंगे। महाराष्ट्र के नासिक, सतारा और पुणे सहित कुछ हिस्सों में छिटपुट हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। गुस्साए किसानों ने दूध और सब्जियों की आपूर्ति ठप कर दी है।
पुलिस पर पथराव
किसानों ने दूध के दो टैंकरों का कई टन दूध बर्बाद कर दिया और सब्जियों, टमाटर, प्याज आदि की आपूर्ति भी रोक दी। सतारा के पास हुई एक अन्य घटना में दूध टैंकर के चालक पर कुछ किसानों ने हमला कर दिया। नासिक के पास कुछ पुलिस वाहनों पर पथराव भी किया गया।
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तटीय कोंकण के किसान हड़ताल से दूर
इस हड़ताल को तटीय कोंकण के किसानों को छोड़कर राज्य के सभी किसानों का समर्थन प्राप्त है। किसानों की इस हड़ताल की वजह से फल, सब्जियों की आपूर्ति बुधवार रात से बाधित है। राज्य के अधिकतर बाजार सूने पड़े हैं। किसान, व्यापारी, जमाखोर, ट्रांसपोर्टर सहित अन्य अधिकारियों ने दूरी बना रखी है।
ये हैं मांगें
इस बीच, किसान नेता जयजी सूर्यावंशी से औरंगाबाद के पास कुछ व्यापारियों ने अभद्रता की। किसानों की मांगों में कर्ज माफी सहित निःशुल्क बिजली, उचित मुआवजा, सिंचाई के लिए अनुदान, दूध की कीमत बढ़ाना और एमएस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करवाना है।
आर्थिक राजधानी पर दिखेगा असर
गौरतलब है, कि मुंबई देश का सबसे बड़ा शहर है। यहां की आबादी 1.7 करोड़ है। यहां से लगभग 160 टन सब्जियां अकेले नासिक ही जाती हैं। इस हड़ताल से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।