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मायावती बोलीं-अधूरे काम पर अपने नाम के पत्थर लगवाने को बेचैन हैं सपा मुखिया
मायावती ने कहा, एक्सप्रेस वे का नोटिफिकेशन 20 अप्रैल 2008 में हो गया था। इसमें 14 जिलों को जोड़ते हुए बसपा सरकार ने परियोजना मंजूर की थी। लेकिन सपा सरकार ने इस परियोजना का स्वरूप और नाम बदल कर इसे अपने लिए कन्नौज-सैफई जाने वाला बना लिया।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा है कि समाजवादी पार्टी की सरकार जिस एक्सप्रेस वे परियोजना को अपनी उपलब्धि बता रही है, उसका नोटिफिकेशन बसपा सरकार में ही हो गया था। इसका काम अभी अधूरा है फिर भी सपा सरकार के मुखिया को उसका उद्घाटन करने की जल्दी थी। आधे-अधूरे काम के कारण वहां दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। राज्य सरकार का एक वरिष्ठ अधिकारी भी इसका शिकार हुआ है। सीएम अखिलेश यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का नाम लिए बगैर मायावती ने कहा कि इसके बावजूद वह अपने नाम का पत्थर लगवाने के लिए काफी बेचैन हैं।
चुनाव के डर से किया उद्घाटन
-संसद परिसर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मायावती ने कहा कि उन्हें चिंता है कि कहीं विधानसभा आमचुनाव की घोषणा ना हो जाए।
-क्योंकि तब उन्हें उद्घाटन करने का मौका नही मिल पाएगा और उनके नाम का पत्थर भी नहीं लग पाएगा।
-बसपा प्रमुख ने सपा सरकार पर पक्षपात व क्षेत्रवाद की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
-मायावती ने कहा कि इस प्रदेश के हर क्षेत्र को वाजिब विकास मिलना चाहिए ना कि अपने से जुड़े क्षेत्र के विकास को ही प्रदेश का समग्र विकास बताया जाए।
राग अलापते रहने से नहीं होता विकास
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी व भाजपा की तरह ही सपा द्वारा भी सिर्फ विकास का राग अलापते रहने से या फिर इस बारे में सरकारी खर्चे से विज्ञापन छपवा देने से विकास नहीं होता है।
-उन्होंने कहा कि विकास खुद बोलता है और लोग उसकी वाहवाही करते हैं, जो उत्तर प्रदेश में कहीं भी होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
-बसपा सरकार की योजनाओं को आगे बढाकर ही सपा सरकार वाहवाही लूटने का काम कर रही है।
खोखले दावों का आरोप
-मायावती ने कहा कि सरकार जो भी विकास के दावे कर रही है वे अधिकांश खोखले व कागजी हैं और जिन कार्यों को वे अपना बता रहे हैं इनमें से अधिकतर कार्यों की पूरी रूपरेखा पिछली बीएसपी सरकार में ही तैयार कर दी गई थी।
-एक्सप्रेस वे का सरकारी गज़ट नोटिफिकेशन 20 अप्रैल 2008 में हो गया था। इसके तहत 14 जिलों को जोड़ते हुए यह परियोजना बसपा सरकार ने मंजूर की थी।
-लेकिन सपा सरकार ने इस परियोजना का स्वरूप और नाम बदल दिया और इसे अपने लिए कन्नौज-सैफई जाने वाला बना लिया।
-कन्या धन, पेंशन योजना आदि भी सपा सरकार सिर्फ नाम बदलकर चला रही है। जैसे डा. भीमराव अम्बेडकर उद्यान का नाम बदलकर जनेश्वर मिश्रा पार्क कर दिया गया।
-इसके अलावा ग्रेटर नोएडा से बलिया तक के गंगा एक्सप्रेस वे योजना बसपा सरकार के समय से धरातल पर उतरनी शुरु हो गई थी और नोएडा से आगरा के बीच यमुना एक्सप्रेस वे योजना तो सन 2012 में ही बनकर तैयार हो गई थी।
-लेकिन आम चुनाव के समय में इसका उद्घाटन नहीं हो सका था और अब वर्तमान सपा सरकार ऐसी उन तमाम योजनाओं को ही आगे बढ़ाकर वाहवाही लूटने का दावा कर रही है।