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रैली में मैच तो था एक बहाना, कहीं और था मायावती का निशाना
लखनऊ: पिछले महीने आईएएस वीक के दौरान सीएम एलेवन और आईएएस इलेवन के बीच हुए टी 20 मुकाबले की काफी चर्चा हो चुकी है । बसपा प्रमुख मायावती ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की गुरुवार को 125वीं जयंती पर भी इसकी चर्चा की और सपा सरकार को आगाह किया कि आईएएस मैच जिता सकते हैं चुनाव नहीं।
मायावती की ओर से इसकी चर्चा किया जाना एक तरह से आईएएस को चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है। ये सभी लोग जानते हैं कि मायावती ने अपने कार्यकाल में आईएएस को वीक मनाने की इजाजत नहीं दी थी। वो 2007 से 2012 तक सीएम रहीं।
मायावती के करीबी रहे एक सीनियर ब्यूरोक्रेट ने मायावती के रिमार्क पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब संकेत मिल रहा है कि भविष्य में ये नहीं हो सकेगा। ब्यूरोक्रेसी में राजनीतिक पसंद को लेकर विभाजन कोई नई बात नहीं है। चुनाव के दिन नजदीक आते ही ये बंटवारा और ज्यादा तेज हो जाता है।
विधानसभा चुनाव हालांकि अगले साल होने हैं, लेकिन जाति और राजनीतिक लाइन पर अधिकारियों में डिविजन साफ नजर आता है। बसपा और मायावती के करीबी अधिकारियों को लगता है कि उनकी पसंद की सरकार आने में अब ज्यादा देर नहीं है।
मायावती ने जिस मैच का जिक्र किया वो कई गलत कारणों से चर्चा में रहा। चर्चा ये भी रही कि आईएएस सीएम को खुश करने के लिए जानबूझकर मैच हारे। हारे मैच का हिस्सा रहे एक अधिकारी ने कहा कि कोई अन्य हमारे आपसी और अन्दरूनी मामले को लेकर दुखी क्यों है, जबकि किसी आईएएस ने इस बारे में कुछ नहीं कहा।