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'माया' का ऐलान: देश में कहीं नहीं होगा कांग्रेस-BSP का गठबंधन, जानें क्या होगा असर?
बसपा के इस फैसले के बाद जहां-जहां भी त्रिकोणीय मुकाबला होगा, भाजपा को फायदा हो सकता है। मोदी और भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन की कोशिश होती रही है। मायावती का यह बयान उन कोशिशों के लिए तगड़ा झटका है।
लखनऊ: चुनाव आयोग के तारीखों के ऐलान के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। मायावती ने आज कहा कि कांग्रेस के साथ यूपी ही नहींं, देश में कहीं भी गठबंधन नहीं करेगी।
बता दें कि प्रियंका गांंधी के 14 मार्च से होने वाले यूपी दौरे से पहले मायावती ने यह ऐलान किया है। मालूम हो, यूपी में कांग्रेस के लिए महज दो सीट छोड़ते हुए सपा-बसपा ने गठबंधन कर लिया था। हालांकि अखिलेश यादव कहते रहे हैं कि कांग्रेस भी उनके गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन मायावती के ताजा फैसले से साफ हो गया है कि अब ये दल अपने दल चुनाव मैदान में उतरेंगे।
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आखिर मायावती के इस फैसले का क्या असर पड़ेगा चुनाव पर
बसपा के इस फैसले के बाद जहां-जहां भी त्रिकोणीय मुकाबला होगा, भाजपा को फायदा हो सकता है। मोदी और भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन की कोशिश होती रही है। मायावती का यह बयान उन कोशिशों के लिए तगड़ा झटका है।
मायावती की नजर PM कुर्सी पर
राजनीतिज्ञों का मानना है कि मायावती की नजर पीएम कुर्सी पर है। वह इसलिए कि सबसे पहले सपा-बसपा के गठबंधन के ऐलान के समय अखिलेश यादव ने इस ओर संकेत दिए थे। बीते दिनों सपा-बसपा गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को शामिल करते समय भी उन्होंने कहा था, देश को इस चुनाव के बाद नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है। ऐसे में उनका इशारा किस ओर है फिलहाल ये तो साफ नहीं है लेकिन उनके इस बात में कुछ न कुछ तो जरूर था।
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बसपा से चुनावी गठबंधन के लिए कई पार्टियां आतुर : मायावती
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि बसपा से चुनावी गठबंधन के लिए कई पार्टियां आतुर हैं। बसपा कार्यकर्ताओं को ध्यान रखना चाहिए कि थोड़े से चुनावी लाभ के लिए हमें ऐसा कोई काम नहीं करना है, इससे पार्टी की गतिविधि में कोई समस्या आए।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए बसपा की अध्यक्ष मायावती ने चुनावी गठबंधन में सतर्क रहने को कहा हैं। मायावती ने कहा कि बसपा किसी भी राज्य में कांग्रेस पार्टी के साथ किसी भी प्रकार का कोई भी चुनावी समझौता अथवा तालमेल आदि करके यह चुनाव नहीं लड़े़गी।
मायावती ने कहा कि बसपा व सपा का गठबंधन आपसी सम्मान व नेक-नीयती के साथ काम कर रहा है और खासकर उत्तर प्रदेश आदि में यह प्रथम एवं जोरदार एलायन्स माना जा रहा है। जो भाजपा को परास्त करने की क्षमता रखता हैं। हमनें काफी कड़ा संघर्ष व अथक प्रयास करके ना बिकने वाला समाज बनाया है और चुनावी स्वार्थ के लिये कैसे अपने गतिविधि को नुकसान होता हुआ देख सकती है।
मायावती ने कहा कि पार्टी के लोगों को जमीनी स्तर पर काम करके पार्टी को कैडर के आधार पर तैयार करने पर ज्यादा बल देना होगा। बसपा एक पार्टी होने के साथ-साथ बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के अधूरे कारवां को मंजिल तक पहुंचाने तथा उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का मूवमेन्ट भी है। यही हमारी भारतीय राजनीति में असली शक्ति व विशिष्ट पहचान है। इसे जी-जान से काम करके हर हाल में बनाये रखना है।
बसपा की अखिल भारतीय स्तर की बैठक (उत्तर प्रदेश को छोड़कर) सम्पन्न हुईं। आज बैठक में सभी राज्यों से पहले अलग-अलग और फिर एक साथ बैठक में चुनावी तैयारियों, पार्टी प्रत्याशियों के चयन व उनके सम्बंधित प्रदेशों की ताजा राजनीतिक स्थिति व चुनावी सरगर्मियों पर विचार-विमर्श किया गया।