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खून से लिखी चिट्ठी पढ़कर सीएम ने सुनी बच्चियों की आवाज, अब मिलेगा न्याय

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Published on: 12 Aug 2016 1:32 PM GMT
खून से लिखी चिट्ठी पढ़कर सीएम ने सुनी बच्चियों की आवाज, अब मिलेगा न्याय
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बुलंदशहरः अपनी मां के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री को खून से चिठ्ठी लिखने वाली बुलंदशहर की बहादुर बेटियों की आवाज रंग लाई है। सीएम अखिलेश के आदेश पर एसएसपी अनीस अहमद अंसारी और जिला प्रशासन इन बेटियों के घर पहुंच गया है। अफसरों ने बहादुर बेटियों को इंसाफ दिलाने का वादा किया है।

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क्‍या था मामला

-सिटी कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला देवीपुरा निवासी अन्नू की शादी 31 मई-2000 को बुलंदशहर सिटी के मनोज बंसल से हुई थी।

-एक कार कंपनी में दो जिलों का मार्केटिंग आफिसर मनोज को अन्नू से दो बेटियां हुई।

-लेकिन शादी के 16 साल बाद भी उसकी बेटे के लिए चाहत कम न हो सकी।

-मनोज दूसरी शादी करना चाहता था और इसीलिए कई वर्षों से अन्नू के साथ मारपीट करता था।

-मनोज की इस हरकत में उसके परिवारवाले पूरा साथ देते थे।

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-लेकिन अन्नू बंसल को 14 जून 2016 की सुबह उनके घर में ही मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया।

-अन्नू को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।

-अन्नू ने 6 दिन तक अस्पताल में रहकर मौत से जंग लड़ी, लेकिन हार गयी।

-अन्नू ने अपनी आपबीती अपनी मासूम बेटियों को सुनाई और दम तोड़ दिया।

-बेटियों ने वारदात के वक्त अपने पिता और उनके घरवालों को अन्नू के साथ मारपीट करते और जलाते हुए भी देखा था।

5 बार कराया था अबार्शन

-बेटे की चाहत में मनोज और उसका परिवार अन्नू के 5 बार गर्भवती होने पर उसका अबार्शन करा चुका था।

-अन्नू ने यह बात अपने मायकेवाले को भी बताई, लेकिन मनोज हर बार उसके साथ यह ज्यादती करता था।

-अन्नू की बेटी लतिका की मानें तो उसके पिता मां से इसी बात को लेकर झगड़ते थे।

-रात में शराब पीकर उन्हें पीटते थे और उन्हें अबार्शन के लिए मजबूर किया जाता था।

-दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 6 दिन तक जिंदगी-मौत से जूझते हुए अन्नू की 20 जून को मौत हो गई।

सीएम की चिट्ठी में लिखा था अपना दर्द

-लतिका ने यूपी के सीएम को भेजी चिट्ठी में लिखा है कि, ‘‘मैने जो दखा वह कभी भूल नहीं सकती।

-मेरी मां को मेरे सामने ही जिंदा जला दिया गया। ललिता ने चिटठी में लिखा है कि बेटे को जन्म न दे पाने की वजह से मां पर होने वाले अत्याचारों को देखा है।

-मेरी बहन का जब जन्म हुआ था, तब हम तीनों को घर से बाहर फेंक दिया गया था। तब हम किराए पर रहते थे।

-चिटठी में लिखा था कि मेरी मां को धमकी दी गई कि मेरे पापा की शादी किसी और के साथ कराई जायेगी जो बेटे का जन्म दे सके।

-मेरी मां को जब जलाया गया तो छोटी बहन रोती ही रह गई लेकिन मैंने बहादुरी दिखाते हुए 100 नंबर पर फोन किया था।

सोशल मीडिया पर उठाई आवाज

-मृतका की मासूम बेटियों ने अब अपनी मां की हत्या के इंसाफ के लिए सोशल मीडिया पर अपनी आवाज बुलंद की है।

-लतिका (15) और तान्या (11) ने फेसबुक और तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर न्याय के लिए आवाज उठाई है।

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