TRENDING TAGS :
खून से लिखी चिट्ठी पढ़कर सीएम ने सुनी बच्चियों की आवाज, अब मिलेगा न्याय
-एक कार कंपनी में दो जिलों का मार्केटिंग आफिसर मनोज को अन्नू से दो बेटियां हुई।
-लेकिन शादी के 16 साल बाद भी उसकी बेटे के लिए चाहत कम न हो सकी।
-मनोज दूसरी शादी करना चाहता था और इसीलिए कई वर्षों से अन्नू के साथ मारपीट करता था।
-मनोज की इस हरकत में उसके परिवारवाले पूरा साथ देते थे।
-लेकिन अन्नू बंसल को 14 जून 2016 की सुबह उनके घर में ही मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया।
-अन्नू को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।
-अन्नू ने 6 दिन तक अस्पताल में रहकर मौत से जंग लड़ी, लेकिन हार गयी।
-अन्नू ने अपनी आपबीती अपनी मासूम बेटियों को सुनाई और दम तोड़ दिया।
-बेटियों ने वारदात के वक्त अपने पिता और उनके घरवालों को अन्नू के साथ मारपीट करते और जलाते हुए भी देखा था।
-अन्नू ने यह बात अपने मायकेवाले को भी बताई, लेकिन मनोज हर बार उसके साथ यह ज्यादती करता था।
-अन्नू की बेटी लतिका की मानें तो उसके पिता मां से इसी बात को लेकर झगड़ते थे।
-रात में शराब पीकर उन्हें पीटते थे और उन्हें अबार्शन के लिए मजबूर किया जाता था।
-दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 6 दिन तक जिंदगी-मौत से जूझते हुए अन्नू की 20 जून को मौत हो गई।
-मेरी मां को मेरे सामने ही जिंदा जला दिया गया। ललिता ने चिटठी में लिखा है कि बेटे को जन्म न दे पाने की वजह से मां पर होने वाले अत्याचारों को देखा है।
-मेरी बहन का जब जन्म हुआ था, तब हम तीनों को घर से बाहर फेंक दिया गया था। तब हम किराए पर रहते थे।
-चिटठी में लिखा था कि मेरी मां को धमकी दी गई कि मेरे पापा की शादी किसी और के साथ कराई जायेगी जो बेटे का जन्म दे सके।
-मेरी मां को जब जलाया गया तो छोटी बहन रोती ही रह गई लेकिन मैंने बहादुरी दिखाते हुए 100 नंबर पर फोन किया था।
-लतिका (15) और तान्या (11) ने फेसबुक और तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर न्याय के लिए आवाज उठाई है।
।