लोकसभा चुनाव : ‘मोदी जैकेट’ व ‘तृणमूली साड़ी’ में चुनावी जंग

इस बार के चुनाव में मोदी जैकेट और मोदी बनियान की खूब मांग है। बाजार में दो तरह की मोदी जैकेट हैं। एक जैकेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर है, तो दूसरी जैकेट में भाजपा का चुनाव चिह्न कमल का फूल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो है। जैकेट का रंग केसरिया है। यह जैकेट पहली बार बाजार में आई है। इसके साथ मोदी बनियान भी बाजार में है।

Rishi
Published on: 19 March 2019 2:53 PM GMT
लोकसभा चुनाव : ‘मोदी जैकेट’ व ‘तृणमूली साड़ी’ में चुनावी जंग
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कोलकाता : इस बार के चुनाव में मोदी जैकेट और मोदी बनियान की खूब मांग है। बाजार में दो तरह की मोदी जैकेट हैं। एक जैकेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर है, तो दूसरी जैकेट में भाजपा का चुनाव चिह्न कमल का फूल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो है। जैकेट का रंग केसरिया है। यह जैकेट पहली बार बाजार में आई है। इसके साथ मोदी बनियान भी बाजार में है।

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दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के प्रतीक ‘घास-फूल’ वाली सफेद साड़ी में नीले रंग का इस्तेमाल किया गया है। इसमें नीले रंग से बड़े घास-फूल की छाप के साथ-साथ छोटे-छोटे घास-फूल की डिजाइन बनायी गयी है। तृणमूल कांग्रेस भी अपने लोगो में नीले रंग का इस्तेमाल कर रही है और तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पसंदीदा रंग नीला है। राज्य में सत्ता में आने के बाद महानगर के प्रतिष्ठानों और पार्कों को नीले रंग से रंगा गया है।

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वहीं कम्यूनिस्ट पार्टी के निशान हंसुआ, हथौड़ा और तारा के प्रिंट वाली साड़ी में लाल रंग का इस्तेमाल किया गया है। लाल रंग वामपंथी पार्टियों का पसंदीदा रंग है। कोलकाता के मशहूर बड़ाबाजार के कपड़े की दुकानों में यह परिधान लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ। पहले चुनावों के दौरान सिर्फ ज्यादा घास-फूल छाप वाली साड़ी की मांग रहती थी लेकिन इस बार मोदी जैकेट और मोदी बनियान की भी काफी मांग है। इसके अलावा चुनाव चिह्न वाले छाता और टोपी की काफी मांग है। यह आइटम अहमदाबाद और मथुरा तथा कुछ समान दिल्ली से मंगाए जाते हैं।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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