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नीतीश ने गोडसे पर प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी की निंदा की
पटना के राजभवन के पास एक सरकारी स्कूल में स्थित एक मतदान केंद्र पर वोट डालने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने गोडसे को देशभक्त बताने संबंधी प्रज्ञा के बयान पर कहा "यह बहुत ही निंदनीय है। हम इन चीजों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। बापू राष्ट्र के पिता हैं और लोग पसंद नहीं करेंगे अगर कोई इस तरह से गोडसे के बारे में बात करे"।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भाजपा की भोपाल से प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की गोडसे पर विवादित टिप्पणी की निंदा करते हुए रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ऐसी बातों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
पटना के राजभवन के पास एक सरकारी स्कूल में स्थित एक मतदान केंद्र पर वोट डालने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने गोडसे को देशभक्त बताने संबंधी प्रज्ञा के बयान पर कहा "यह बहुत ही निंदनीय है। हम इन चीजों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। बापू राष्ट्र के पिता हैं और लोग पसंद नहीं करेंगे अगर कोई इस तरह से गोडसे के बारे में बात करे"।
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यह पूछे जाने कि प्रज्ञा के इस विवादित बयान को लेकर क्या भाजपा को उन्हें पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए, नीतीश ने कहा कि इस पर विचार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है लेकिन जहां तक देश या विचारधारा का सवाल है ऐसी बातों को बर्दाश्त करने का कोई सवाल ही नहीं है।
एक प्रश्न के उत्तर में नीतीश ने कहा कि अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के मुद्दों पर समझौता करने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि उन्होंने इन तीन मुद्दों पर कभी समझौता नहीं किया है।
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मई को मध्य प्रदेश के खरगोन में अपनी एक रैली के दौरान कहा था कि गांधीजी या नाथूराम गोडसे के बारे में की गई टिप्पणी समाज के लिए बहुत खराब और बहुत गलत है।
मताधिकार का प्रयोग करने के बाद पहले मतदान और फिर जलपान की अपील करते हुए नीतीश ने कहा कि चुनाव एक या दो चरणों में होने चाहिए। इतनी गर्मी में इतना लंबा चुनाव नहीं होना चाहिए। चुनाव फरवरी,मार्च या अक्तूबर,नवंबर में होने चाहिए । यह आम लोगों से जुड़ा मामला है।
(भाषा)