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नहीं बचेंगे निजामुद्दीन के जमातीः ऐसे इनको ढूंढ लेगी पुलिस

इसका कारण यह है कि पुलिस को टेलीकॉम टावर से किसी ख़ास इलाक़े में आने-जाने वाले लोगों के सेलफ़ोन नंबर मिल जाते हैं और इसके बाद पुलिस का काम सिर्फ इतना रह जाता है कि वह इस इलाके में आने से पहले कहां एक्टिव थे और यहां से जाने के बाद कहां एक्टिव हैं।

राम केवी
Published on: 4 April 2020 6:08 AM GMT
नहीं बचेंगे निजामुद्दीन के जमातीः ऐसे इनको ढूंढ लेगी पुलिस
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नई दिल्लीः तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में गए जमातियों में अधिकांश को पुलिस ने ढूंढ निकाला है। जो बचे रह गए हैं उनकी छिपने की कोशिश बेकार है, पुलिस ढूंढ ही लेगी उन्हें। मददगार भी फंसेंगे।

अगर आप नहीं जानते हैं तो जान लें राष्ट्रीय आपदा की स्थिति में पुलिस को तमाम अधिकार मिल जाते हैं जिस में पुलिस आधुनिक सर्विलांस से सबको ढूंढ ही निकालेगी इसलिए छिपना बेकार है और छिपाने की कोशिश करना बेकार है।

मुखबिर आपके हाथ है कर देगा मुखबिरी

अगर कोई ये सोचता है कि वह अपना मोबाइल फोन बंद कर बच जाएगा तो भी नहीं बचेगा। हालात ये है कि मोबाइल नंबर से ये सारी जानकारी मिल जाएगी कि आप कहां से हैं और निजामुद्दीन इलाके में कब से कब तक रहे।

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पुलिस पूरे देश में उन लोगों की तलाश कर रही है जो कि निज़ामुद्दीन इलाक़े या मरकज़ गए थे। इसमें उन लोगों से भी पूछताछ हो रही है जो उस इलाके में इस दरम्याने अवधि गए थे।

इसका कारण यह है कि पुलिस को टेलीकॉम टावर से किसी ख़ास इलाक़े में आने-जाने वाले लोगों के सेलफ़ोन नंबर मिल जाते हैं और इसके बाद पुलिस का काम सिर्फ इतना रह जाता है कि वह इस इलाके में आने से पहले कहां एक्टिव थे और यहां से जाने के बाद कहां एक्टिव हैं।

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इसी आधार पर पुलिस साइबर-क्राइम डिपार्टमेंट की मदद से एक्टिव नंबर्स की लिस्ट तैयार करती है और लोगों से बात कर उन्हें ट्रेस किया जाता है।

पुलिस आमतौर पर मोबाइल लोकेशन और नंबर को ट्रेस नहीं करती है लेकिन ख़ास स्थितियों में ही ऐसा किया जाता है। पुलिस के पास क़ानून और व्यवस्था, पब्लिक हेल्थ क्राइसिस जैसे मौक़ों पर मोबाइल सर्विलांस का अधिकार होता है। पुलिस कमिश्नर, इंटेलिजेंस ब्यूरो, क्राइम ब्रांच के पास इस के आदेश देने का अधिकार होता है। इस आधार पर एरिया टावर की मदद से पुलिस किसी की भी लोकेशन को ट्रेस कर सकती है।

राम केवी

राम केवी

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