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...तो क्या ऑक्सीजन नहीं, शराब रखती है इस मछली को जिंदा

Gagan D Mishra
Published on: 15 Aug 2017 5:43 AM GMT
...तो क्या ऑक्सीजन नहीं, शराब रखती है इस मछली को जिंदा
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...तो क्या शराब रखती है इस मछली को जिंदा

लंदन: वैज्ञानिकों के एक समूह ने गोल्डफिश को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, भीषण सर्दी में जब जलाशय जम जाते हैं, तो उनमें रहने वाली मछलियां शराब के जरिए ऑक्सीजन की कमी से खुद को बचाती हैं। जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने 'शराब!'।

वास्तव में ओस्लो विश्वविद्यालय और लिवरपूल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि जमा देने वाली सर्दी में, जब जलाशय की ऊपरी सतह बर्फ बन जाती है और उसके नीचे पानी में ऑक्सिजन की कमी होने लगती है, तब ये गोल्डफिश अपने शरीर में पैदा होने वाले लैक्टिक एसिड को इथेनॉल में बदलना शुरू कर देती हैं।

यह इथेनॉल उनके गिल्स के आसपास फैल जाता है और उनके शरीर में घातक लैक्टिक एसिड को बनने से भी रोकता है।

इस तरह गोल्डफिश और इसी नस्ल की अन्य मछलियां जम चुके जलाशयों की तलहटी में कई-कई दिनों, यहां तक महीनों तक खुद को बचाए रखती हैं।

लीवरपूल विश्वविद्यालय के माइकल बेरेनब्रिंक शोध-पत्रिका 'साइंटिफिक रिपोर्ट्स' के ताजा अंक में प्रकाशित अपने अनुसंधान में कहते हैं, "उत्तरी यूरोप में भीषण सर्दियों में जब महीनों तक जलाशय की ऊपरी सतह पूरी तरह जमी रहती है और जल में ऑक्सीजन लगभग खत्म हो चुका होता है, इन मछलियों के रक्त में प्रति 100 मिलीलीटर में शराब की मात्रा 50 मिलीग्राम तक पहुंच जाती है, जो यूरोपीय देशों में वाहन चलाते समय रक्त में निर्धारित शराब की मात्रा से अधिक है।"

--आईएएनएस

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