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आज कनाडा के PM ट्रूडो से मुलाकात को लेकर उत्सुक मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की शांम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का स्वागत करते हुए कहा कि वे शुक्रवार को टड्रो से मुलाकात करने के लिए उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने शनिवार को भारत आ चुके टड्रो के संबंध में कोई बयान नहीं दिया था जिस पर सवाल उठने लगे थे। मोदी ने गुरुवार शाम ट्वीट करते हुए कहा, "मैं प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से कल मुलाकात करने और स
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की शांम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का स्वागत करते हुए कहा कि वे शुक्रवार को टड्रो से मुलाकात करने के लिए उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने शनिवार को भारत आ चुके टड्रो के संबंध में कोई बयान नहीं दिया था जिस पर सवाल उठने लगे थे। मोदी ने गुरुवार शाम ट्वीट करते हुए कहा, "मैं प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से कल मुलाकात करने और सभी क्षेत्रों में भारत - कनाडा के संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए उत्सुक हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं दोनों देशों के संबंधों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा करता हूं।"
एक अन्य ट्वीट में मोदी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि टड्रो ने अब तक भारत भ्रमण का आनंद लिया होगा और वह मुख्य रूप से टड्रो के तीन बच्चों जेवियर, एला ग्रेस और हेड्रिएन से मिलने के लिए उत्सुक हैं।
इस दौरान उन्होंने अप्रैल, 2015 में अपने कनाडा दौरे के दौरान ली गई तस्वीर भी डाली। तस्वीर में उनके साथ टड्रो और एला ग्रेस हैं।
मोदी के बयान कनाडाई उच्चायुक्त द्वारा गुरुवार रात आमंत्रित राजनीतिज्ञों के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में खालिस्तानी अलगाववादी अपराधी जसपाल अटवल को आमंत्रण दिए जाने के समय आए हैं।
उच्चायोग ने निमंत्रण पत्र को हालांकि निरस्त कर दिया है और भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह पता किया जा रहा है कि भारत ने अटवल को वीजा कैसे जारी कर दिया।
साल 1987 में एक साल पहले कनाडा दौरे पर गए पंजाब के एक मंत्री की हत्या की कोशिश के अपराध में अटवल और तीन अन्य लोग दोषी पाए गए थे और उन्हें 20-20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
आठ दिन के दौरे पर 17 फरवरी को भारत आए टड्रो के स्वागत में सरकार की उदासीनता प्रतीत होने के बाद यह मामला दोबारा उठ गया था। ट्रूडो और उनका परिवार अब तक आगरा, अहमदाबाद, मुंबई और अमृतसर का भ्रमण कर चुके हैं।
कनाडा द्वारा स्वतंत्र राष्ट्र खालिस्तान की मांग कर रहे अलगाववादियों को पनाह देने की संभावना उत्पन्न होने के बाद नई दिल्ली और ओटावा के रिश्तों में हाल ही में कुछ कड़वाहट देखने को मिली है।
ट्रूडो पिछले वर्ष अप्रैल में प्रधानमंत्री मोदी के कनाडा दौरे के बाद भारत दौरे पर हैं।