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इंसान की इंसानियत पर रौशनी डालती शशि की कविता 'कुंडलियां'

Rishi
Published on: 1 Sept 2017 8:29 PM IST
इंसान की इंसानियत पर रौशनी डालती शशि की कविता कुंडलियां
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शशि पुरवार

नेकी अपनी छोड़ कर, बदल गया इंसान

मक्कारी का राज है, डोल गया ईमान

डोल गया ईमान, देखकर रुपया पैसा

रहा आत्मा बेच, आदमी है यह कैसा

दो पैसे के हेतु, अस्मिता उसने फेंकी

चौराहे पर नग्न, आदमी भूला नेकी

गंगा जमुना भारती, सर्व गुणों की खान

मैला करते नीर को, ये पापी इंसान

ये पापी इंसान, नदी में कचरा डारे

धर्म-कर्म के नाम, नीर ही सबको तारे

मिले गलत परिणाम, प्रकृति से करके पंगा

सूख गए खलियान, सिमटती जाये गंगा

गंगा को पावन करे, प्रथम यही अभियान

जीवन जल निर्मल बहे, करें सदा सम्मान

करे सदा सम्मान, जिंदगी देती माता

माता पालनहार, सफल जीवन हो जाता

करके जल में स्नान, मन हो जाय चंगा

अतुल गुणों की खान, गौरवमयी है गंगा

फैला है अब हर तरफ, धोखे का बाजार

अपनों ने भी खीच ली, नफरत की दीवार

नफरत की दीवार, झुके है बूढ़े कांधे

टेडी-मेढ़ी चाल, दु:ख की गठरी बांधे

अहंकार का बीज, करे मन को मटमैला

खोल ह्रदय के द्वार प्रेम जीवन में फैला

भाग रही है जिंदगी, कैसी जग में दौड़

चैन यहां मिलता नहीं, मिलते अंधे मोड़

मिलते अंधे मोड़, वित्त की होवे माया

थोथे-थोथे बोल, पराया लगता साया

शशि कहती यह सत्य, गुणों को त्याग रही है

सब कर्मों का खेल, जिंदगी भाग रही है



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Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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