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बरेली-इलाहाबाद जेलों में कैदी भूख हड़ताल पर, उम्रकैद की सजा घटाने की मांग
बरेली/इलाहाबादः आगरा के बाद अब बरेली और इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेलों में कैदी बगावत पर उतारू हो गए हैं। बरेली में 2100 कैदियों ने शनिवार को भूख हड़ताल कर दी। उधर, इलाहाबाद की नैनी जेल में भी कैदी इनके पक्ष में आ गए। कैदियों की मांग है कि पहले की ही तरह उम्रकैद के मामलों में 14 साल सजा काटने के बाद रिहाई होनी चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की व्याख्या ये है कि कैदी को सारी जिंदगी जेल में ही बितानी होगी।
बरेली सेंट्रल जेल में क्या हुआ?
उम्रकैद की सजा 14 साल करने की मांग कर रहे कैदियों के साथ 2100 कैदी भी आ गए। दोपहर को खाने से इनकार कर दिया। शाम को डीएम पंकज यादव ने जेल पहुंचकर हालात देखे। बता दें कि आगरा सेंट्रल जेल में इसी मांग को लेकर छह दिन से कैदी भूख हड़ताल पर हैं। कैदियों के भूख हड़ताल पर जाने के बाद जेल प्रशासन ने डॉक्टरों का पैनल बनाया है। ग्लूकोज की ड्रिप समेत सभी इंतजाम किए गए हैं। बरेली सेंट्रल जेल में रात का भी खाना नहीं बना। दोपहर का खाना भी फेंकना पड़ा। अफसरों से बातचीत के बावजूद कैदियों ने भूख हड़ताल खत्म करने से साफ इनकार कर दिया है।
नैनी सेंट्रल जेल में क्या है हाल?
इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल में भी कैदियों ने उम्रकैद की सजा 14 साल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर दी। जेलर वीके मिश्र का कहना है कि यहां अनशन की झूठी अफवाह उड़ाई जा रही है। खबर ये भी है कि भूख हड़ताल करने वाले कैदियों से परिजनों की मुलाकात रोक दी गई है। उधर, आगरा से खबर है कि छह दिन से भूख हड़ताल कर रहे कई कैदियों की हालत खराब हो गई है। शनिवार को डीआईजी जेल ने उनसे बातचीत की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।