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सचिन तेंदुलकर आज हुए 46 वर्ष के, जानें कौन सी पारी है सचिन के लिए खास

‘जुनून था कुछ अलग करने का, विश्वास था खुद पर और जज्बा था अपने ख्वाब पर’ इतना काफी था तसव्वुर में बसे ख्वाब को हक़ीक़त में बदलने का। आज क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का 46वां जन्मदिन है

Aditya Mishra
Published on: 24 April 2019 4:56 AM GMT
सचिन तेंदुलकर आज हुए 46 वर्ष के, जानें कौन सी पारी है सचिन के लिए खास
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लखनऊ: ‘जुनून था कुछ अलग करने का, विश्वास था खुद पर और जज्बा था अपने ख्वाब पर’ इतना काफी था तसव्वुर में बसे ख्वाब को हक़ीक़त में बदलने का। आज क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का 46वां जन्मदिन है, और सचिन जब मैदान पर होते थे तब तक भारतीय फैंस मैच में अपनी हार नहीं मानते थे मैदान पर सचिन सचिन... की गूंज सुनाई देती थी। जो सचिन के अंदर भी एक अलग तरह का जुनून पैदा कर देती थी। 1989 में पाकिस्तान के कराची में डेब्यू करने के बाद सचिन ने कभी ज़िंदगी में मुड़कर नहीं देखा और अपने करियर में कई तरह के वर्ल्ड रिकॉर्डस भी बनाए।

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वर्ल्ड रिकॉर्ड्स:

-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन

-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक

-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा अर्धशतक

-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा 90+ रन

-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैच

-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड

-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा प्लेयर ऑफ द सीरीज अवार्ड

-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा चौके

-अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक

-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक

-टेस्ट क्रिकेट में 50 से ज्यादा शतकों का रिकॉर्ड

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सचिन के लिए खास थी पारी:

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने दुनिया के हर देश, हर मैदान पर अपनी छाप छोड़ी। हर टीम के खिलाफ अपने रिकॉर्ड स्थापित किए लेकिन उनकी एक पारी ऐसी थी जो खुद सचिन कभी अपने दिल से दूर नहीं रख पाते। सचिन ने कुछ समय पहले खुद इस पारी को अपनी सबसे पसंदीदा पारी बताया था। वो पारी थी 1992 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेली गई नाबाद 148 रनों की पारी।

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क्यों खास थी वो पारी?

ऑस्ट्रेलियाई टीम में उस समय मैकडरमॉट, ब्रूस रीड, मर्व ह्यूज और शेन वॉर्न जैसे धाकड़ गेंदबाज मौजूद थे। तेज गेंदबाजों और स्पिनर्स की ऐसी गेंदबाजी लाइन अप के खिलाफ सिडनी की पिच पर एक ऐसा खिलाड़ी मैदान पर था जिसने अभी तक सिर्फ तीन साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव था और उनके खाते में सिर्फ 666 रन थे। मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए डेविड बून (नाबाद 129) के शतक के दम पर 313 रनों का स्कोर खड़ा किया था। भारतीय टीम जवाब देने उतरी और 7 रन पर नवजोत सिंह सिद्धू आउट होकर पवेलियन लौट गए लेकिन रवि शास्त्री (206) ने दोहरा शतक जड़ा और पारी को संभाल लिया। इसी पारी में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे युवा सचिन ने पिच पर 298 मिनट बिताते हुए 213 गेंदों में नाबाद 148 रनों की पारी खेल डाली। इस पारी में 14 चौके शामिल थे।

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बनाया अनोखा रिकॉर्ड :

सचिन तेंदुलकर की नाबाद 148 रनों की वो पारी बेहद खास इसलिए भी थी क्योंकि वो उस पारी के साथ ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक जड़ने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए थे। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने सभी दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों को आउट कर दिया लेकिन वो सचिन को आउट नहीं कर सके। भारत ने उनके दम पर इस पहली पारी में ऑलआउट होने से पहले 483 रनों का स्कोर खड़ा किया। अंतिम दिन तक ऑस्ट्रेलिया अपनी दूसरी पारी में 8 विकेट पर 173 रन बनाकर टिकी रही और भारत ने ये मैच ड्रॉ करा लिया। दिलचस्प बात ये भी रही कि सचिन ने इस सीरीज के पांचवें व अंतिम टेस्ट मैच (पर्थ) में भी अपना कमाल दिखाया और दुनिया की सबसे घातक वाका की पिच पर 114 रनों की पारी खेली जिस दौरान अजहरुद्दीन, श्रीकांत, कपिल देव और वेंगसरकर जैसे बल्लेबाज भी सस्ते में आउट होकर पवेलियन लौट गए थे।

Aditya Mishra

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