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शोपियां केस: मेजर आदित्य के खिलाफ प्राथमिकी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के शोपियां में सेना की गोलीबारी में पत्थरबाजों की मौत के बाद उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर सोमवार (12 जनवरी) को रोक लगा दी। जम्मू कश्मीर सरकार ने 10 गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। मेजर के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के शोपियां में सेना की गोलीबारी में पत्थरबाजों की मौत के बाद उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर सोमवार (12 जनवरी) को रोक लगा दी। जम्मू कश्मीर सरकार ने 10 गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। मेजर के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मेजर आदित्य के पिता की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने मेजर आदित्य के खिलाफ FIR पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से इस मसले पर जवाब मांगा है। मेजर आदित्य कुमार के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान की रक्षा के लिए और जान की बाज़ी लगाने वाले भारतीय सेना के जवानों के मनोबल की रक्षा की जाए।
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में 27 जनवरी को पत्थरबाजों पर सेना की फायरिंग में दो पत्थरबाजों की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर वहां काफी विरोध-प्रदर्शन हुए थे। फायरिंग का आदेश देने को लेकर मेजर आदित्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया। राज्य सरकार की इस कार्रवाई का देशभर में विरोध हुआ।
इसके बाद मेजर आदित्य के पिता ने खुद मोर्चा संभाला और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिका में उनकी तरफ से कहा गया कि पुलिस ने इस मामले में उनके सैन्य अधिकारी बेटे को आरोपी बना कर मनमाने तरीके से काम किया है। ये जानते हुए भी कि वो घटना स्थल पर मौजूद नहीं था और सेना शांतिपूर्वक काम कर रही थी, जबकि हिंसक भीड़ की वजह से वो सरकारी संपत्ति को बचाने के लिए कानूनी तौर पर करवाई करने के लिए भीड़ ने मजबूर किया। सेना का ये काफ़िला केंद्र सरकार के निर्देश पर जा रहा था और जवान अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे।