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चौथे चरण में शाहजहांपुर सुरक्षित सीट में कांटे का मुकाबला

raghvendra
Published on: 19 April 2019 8:30 AM GMT
चौथे चरण में शाहजहांपुर सुरक्षित सीट में कांटे का मुकाबला
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आसिफ अली

शाहजहांपुर। शाहजहांपुर सुरक्षित सीट के लिए चौथे चरण में 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। यहां बीजेपी, कांग्रेस और गठबंधन ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है। इस बार तीनों प्रमुख प्रत्याशी जाटव हैं। खास बात यह है कि बीजेपी ने जिसे टिकट दिया है वह बीएसपी नेता रहे चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने भी बसपा छोङक़र पार्टी में आए नेता पर भरोसा जताया है। वही सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद यह सीट बसपा खाते में गई।

बसपा ने इस सीट से अमर चंद्र जौहर को चुनाव मैदान में उतारा है। जनपद में बीस लाख वोटर कांटे के मुकाबले में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। शाहजहांपुर में भाजपा ने अरुण सागर को टिकट दिया है। अरुण सागर करीब दो साल पहले बसपा छोङक़र भाजपा में शामिल हुए थे। वह बसपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री भी रहे चुके हैं, लेकिन किसी कारणवश मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। उसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा। इस बीच वह लगातार जनता से संपर्क बनाए रहे जिससे नेताओं को आभास हो गया था कि वह लोकसभा चुनाव की तैयारी में हैं।

भाजपा में गुटबाजी

अगर बात शाहजहांपुर की राजनीति की करें तो यहां भाजपा में गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। एक गुट कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश खन्ना का है तो दूसरा गुट केंद्रीय मंत्री कृष्णाराज का है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कृष्णाराज को टिकट दिया था। उनकी भारी जीत हुई, लेकिन उसके बाद कई बार ऐसा हुआ जब सार्वजनिक स्थलों पर यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर और केंद्रीय मंत्री आमने-सामने आ गए। इतना ही नही दोनों के समर्थक भी आपस में भिड़ गए थे। इस बार सुरेश खन्ना के करीबी अरुण सागर को टिकट दिया गया। गुटबाजी के चलते बीजेपी की जीत राह उतनी आसान नहीं होगी।

बसपा का नए चेहरे पर दांव

गठबंधन की बात करें तो शाहजहांपुर लोकसभा सीट बसपा के खाते में आई है। गठबंधन ने अमर चंद्र जौहर को टिकट देकर उनके ऊपर भरोसा जताया है। खास बात यह है कि अमर चंद्र जौहर एक ऐसा चेहरा है जो जनता के लिए एकदम नया है। शाहजहांपुर की जनता के बीच इससे पहले वह कभी नहीं गए।

चुनाव करीब आते ही टिकट मिलने के बाद वह जनता के बीच जा रहे हैं। हालांकि अभी उन्हें उतना समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है। गठबंधन को सबसे ज्यादा नुकसान हाल ही में साथ छोडऩे वाले पूर्व सांसद मिथिलेश कुमार से होगा।

मिथिलेश कुमार कठेरिया पूर्व सपा सांसद रहे चुके है। उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से कृष्णाराज ने हराया था। चुनाव करीब आते ही उन्होंने सपा छोङक़र बीजेपी का दामन थाम लिया। उसका कारण है कि मिथिलेश कुमार जनता के काफी चहेते रहे हैं। उन्होंने पांच साल जनता के बीच काफी मेहनत की थी, लेकिन सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद यहां की सीट बसपा खाते में चली गई जिससे वह काफी नाराज भी हुए थे। उसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी और बीजेपी का दामन थाम लिया।

कांग्रेस ने पूर्व बसपा नेता को उतारा

कांग्रेस ने यहां से ब्रह्म स्वरूप सागर को अपना प्रत्याशी बनाया है। ब्रह्म स्वरूप सागर बसपा में दो मंडलों मुरादाबाद और बरेली के कोआर्डीनेटर रहे चुके है। इसके अलावा भी वह बसपा में कई जिम्मेदार पदों को संभाल चुके हैं। उनकी गिनती काफी मंझे हुए नेताओं में होती है। उन्होंने कई साल पहले बसपा को अलविदा कह दिया और कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। अब कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने कई महीने पहले से जनता के बीच जाना शुरू कर दिया था। हालांकि इस बार शाहजहांपुर की जनता कुछ नया चाहती है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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